RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023: pdf Download

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RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2022-23 | राजस्थान बोर्ड कक्षा 9वी सामाजिक विज्ञान पेपर

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RBSE Board Class 9th Varshik Paper 2023:-

राजस्थान बोर्ड के वार्षिक परीक्षा 13 अप्रैल से 25 अप्रैल 2022 से होने जा रही हैं RBSE Board Class 9th Varshik Paper 2022-23 यह परीक्षाएं इसलिए भी महत्वपूर्ण है | जैसा कि हम जानते हैं कि हम आपको राजस्थान बोर्ड के वार्षिक परीक्षा के सभी कक्षाओं के प्रश्न पत्रों के हल उपलब्ध करवाएंगे।

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RBSE Board Class 9th Varshik Sample Paper Download 2023

Board Rajasthan Board of Secondary Education (RBSE Board)
Session 2022
Exam Name Class 9th
Subjects Arts, Commerce, social science, Etc.
Exam Date March-April 2022
Official Website rajeduboard.rajasthan.gov.in

 

Rajasthan Board 9th Class Varshik social science Question Paper 2023 Download

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Rajasthan Board Class 9th Model Paper 2022-23

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Rajasthan Board of Secondary Education Rajasthan, Ajmer द्वारा सभी कक्षाओं के अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पेपर जारी कर दिए गए हैं. जो विद्द्यार्थी अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2021 देने वाले हैं ,वे छात्र इस वेबसाइट ak4academy.com में दिए गए लिंक से सभी कक्षाओं के सभी विषयों के पेपर डाउनलोड कर सकते हैं | कक्षा 11 सामाजिक विज्ञान का पेपर,9th social science Varshik exam paper 2022,RBSE Board class 9 Varshik exam 2022-23,RBSE Board 9th social science Varshik paper 2022 23,rajasthan 9th social science Varshik paper 2022,RBSE Board 9th class social science paper 2022,राजस्थान बोर्ड वार्षिक परीक्षा 2022 23 कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान का पेपर,class 9th social science Varshik paper 2022-23,rajasthan board class 9th social science question paper 2022,RBSE Board Varshik class 9th social science paper 2022-23,RBSE Board class 9th Varshik social science model paper

Class 9th social science Varshik Questions Paper PDF RBSE Board

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RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023

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RBSE Board Varshik Time Table 2022

राजस्थान राज्य के विद्यालयों में पढ़ने वाली सभी विद्यार्थी बड़ी उत्सुकता के साथ अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथियों का इंतजार कर रहे थे तो आप सभी विद्यार्थियों के लिए बता दें राजस्थान शिक्षा बोर्ड अजमेर के द्वारा कक्षा 9वीं 10वीं 11वीं और 11वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथि 8 दिसंबर 2022 से लेकर 20 दिसंबर 2022 निर्धारित कर दी गई है।

RBSE Board 9वीं कक्षा का वार्षिक प्रश्न पत्र 2022-23 कैसे डाउनलोड करें
  • सबसे पहले आपको आरबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका लिंक नीचे उपलब्ध है।
  • अब आपको साइडबार में पुस्तकों/पुराने पेपर्स/मॉडल प्रश्नों का सेक्शन मिलेगा।
  • आपको मॉडल क्वेश्चन का सेक्शन ओपन करना है।
  • अब पुस्तक/पुराने पेपर्स/मॉडल प्रश्नों को डाउनलोड करने का लिंक मिलेगा।
  • इसे खोलने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
  • यहां आपको आरबीएसई द्वारा जारी किए गए सभी पुराने पेपर मिल जाएंगे।
  • आप नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से मॉडल पेपर्स डाउनलोड कर सकते हैं।

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How to Download RBSE Board 9th Class Varshik Question Paper 2022-23
  • First of all, you have to visit the official website of RBSE Board, the link of which is available below.
  • Now you will get the section of Books/Old Papers/Model Questions in the sidebar.
  • You have to open the section of Model Questions.
  • Now the link to Download Book/Old Papers/Model Questions will be found.
  • Click on the link to open it.
  • Here you will get all the old papers released by RBSE Board.
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RBSE Board Board Class 9th social science Varshik Paper 2022-23
[NEW] Class 9th All Subject Varshik Paper 2022-23

वार्षिक परीक्षा

कक्षा-9

 विषय-सामाजिक विज्ञान


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निर्देश- (i) सभी प्रश्न अनिवार्य है

(ii) प्रश्न क्रमांक 1 से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न है।

(iii) प्रश्न क्रमांक 6 से 23 तक में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।

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(iv) प्रत्येक प्रश्न के लिए आवंटित अंक उनके सम्मुख दिए गए हैं।

(v) आवश्यकता अनुसार स्वस्थ एवं नाम नामांकित चित्र बनाइए।

कक्षा- 9वी वार्षिक पेपर 2023–24

समकालीन भारत-1 भूगोल
अध्याय-1 भारत-आकार 
अध्याय 2 भारत का भौतिक स्वरुप
1भारतीय मरुस्थल को समझाइए।
Ans. थार मरुस्थल भारत के उत्तर-पश्चिम में तथा पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्व में स्थितहै। भारत थार मरुस्थल का अधिकांश भाग राजस्थान में स्थित है परन्तु कुछ भाग हरियाणा, पंजाब,गुजरात और पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी फैला है। इस क्षेत्र में प्रति वर्ष 150 mm से भी कम वर्षा होती है।
2.भारतीय मरूस्थल के निर्माण का मुख्य कारणों को लिखिए।
Ans .किसी भी उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल के भांति भारतीय थार का मरुस्थल का विकास भी वर्षा का में कमी के कारण हुआ है।
3 .भारतीय द्वीप समूह का सविस्तार वर्णन कीजिए।
Ans. भारत के पास कुल 1208 द्वीप समूह हैं। ये संख्या सभी छोटे-छोटे द्वीपों को मिलाकर है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह सबसे बड़ा द्वीप समूह है। लक्षद्वीप सबसे छोटा द्वीप समूह है
4.प्रवाल से आप क्या समझते हैं? प्रवाल के प्रकारों को लिखिए।
Ans. प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें (Coral reefs) समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं। प्रवाल कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं। … ये शैल-भित्तियाँ समुद्र तट से थोड़ी दूर हटकर पाई जाती हैं, जिससे इनके बीच छिछले लैगून बन जाते हैं।
5.तटीय मैदान को कितने भागों में बाँटा गया है। विस्तार पूर्वक समझाइए।
Ans. भारत के प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम में स्थित दो संकरे मैदान हैं जिन्हें क्रमश: पूर्वी तटीय मैदान एवं पश्चिमी तटीय मैदान कहा जाता है। इनका निर्माण सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन एवं निक्षेपण तथा प्रायद्वीपीय पठार की नदियों द्वारा लाये गए अवसादों के जमाव के कारण हुई है।
6.खादर और बांगर में अंतर लिखिए।
Ans. बांगर – ये पुरानी जलोढ़ मिट्टि वाले भू-भाग है। इस प्रकार की जलोढ़ के लगतार एकत्रित होने पर छज्जे जैसी संरचना बन जाती है, जो बाढ़ प्रभावी मैदान के स्तर जितनी ऊपर उठ जाती है। … खादर – नवीनतम और बाढ़ मैदानों का युवा संग्रहण खादर कहलाता है। लगभग हर वर्ष इसकी मिट्टि बदलती रहती है।
7.उत्तर की पर्वत श्रृंखला के कितने उपभागों में विभाजित किया गया है। वर्णन कीजिए।
Ans. हिमालय का विभाजन दो आधार पर किया गया है 1-उत्तर दक्षिण विभाजन 2- पश्चिम पूर्व विभाजन उत्तर से दक्षिण का विभाजन 3 भागों में किया गया है- 1- हिमाद्रि(महान या आन्तरिक हिमालय) 2-हिमाचल(निम्न हिमालय या मध्य हिमालय) 3-शिवालिक पश्चिम से पूर्व का विभाजन 4भागों में किया गया है- 1- पंजाब हिमालय 2-कुमाउ हिमालय 3–नेपाल हिमालय 4- …
8.दो आब से आप क्या समझते है। निर्माण प्रक्रिया को समझाइए।
Ans. दोआब दरअसल दो नदियों के बीच के क्षेत्र को कहते हैं. … नदियों द्वारा बहाकर लाई हुई मिट्टी से यहां पर एक बहुत ही समतल मैदान का निर्माण हो जाता है. और जब बात दो नदियों की हो तो दो नदियों की मदद से एक बहुत ही ज्यादा समतल उपजाऊ जमीन का निर्माण होता है, जो मानव सभ्यता के विकास के लिए सबसे उपयुक्त होता है.
9.बांगर एवं खादर से आप क्या समझते हैं?
Ans. बांगर- पुराने जलोढ़ अवसादों से निर्मित उच्च आकार के भू स्थल को बांगर कहते हैं। ऊँचाई के कारण बाढ़ का जल यहाँ तक नहीं पहुँचता है। खादर- बाढ़ की नवीन जलोढ़ मिट्टी से निर्मित निचले मैदानों को खादर कहते हैं। यह संपूर्ण भाग बाढ़ का मैदान है
10.दक्कन के पठार का वर्णन कीजिए।
Ans. पठार पूर्व और पश्चिम में घाटों से घिरा हुआ है, जबकि इसकी उत्तरी छोर विंध्य रेंज है। डेक्कन की औसत ऊंचाई लगभग 2,000 फीट (600 मीटर) है, जो आमतौर पर पूर्व की ओर झुकी हुई है; इसकी प्रमुख नदियाँ, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी, पश्चिमी घाट से पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती हैं।
11.भावर प्रदेश से क्या तात्पर्य है ? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
Ans. भावर एक प्रकार का पथरीला क्षेत्र है, जो हिमालय तथा गंगा नदी के मैदान के बीच पाया जाता है। इस क्षेत्र में पर्वतीय भाग से नीचे आने वाली नदियों ने लगभग 8 कि.मी. की चौड़ाई में कंकड़ों एवं पत्थरों का जमाव कर दिया है। यही गंगा के मैदान की सबसे उत्तरी सीमा भी है। इस पथरीले क्षेत्र में हिमालय से निकलने वाली नदियाँ प्रायः विलीन हो जाती हैं और केवल कुछ बड़ी नदियों की धारा ही धरातल पर प्रवाहित होती हुई दिखती हैं।
12.भारत को कितने भौतिक विभागों में बांटा गया है? सचित्र वर्णन कीजिए।
Ans. भारत मे बंगाल कि खाड़ी और अरब सागर मे द्वीप स्थित है। केरल तट के पश्चिम में अनेक छोटे-छोटे द्वीप पाये जाते हैं, जिन्हें सम्मिलित रूप से ‘लक्षद्वीप’ कहा जाता है! भारत के पांच भौतिक विभाग और उनकी विशेषताए.
RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023
13.पूर्वी तटीय मैदान एवं पश्चिमी तटीय मैदान में अंतर लिखिए।
Ans. पूर्वी तटीय मैदान भारत के पूर्वी तट के साथ स्थित है और इसे बंगाल की खाड़ी द्वारा धोया जाता है जबकि पश्चिमी तटीय मैदान भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसे अरब सागर द्वारा धोया जाता है। … पूर्वी तटीय मैदानों पर बड़ी नदियाँ विस्तृत डेल्टा बनाती हैं। लेकिन छोटी स्विफ्ट नदियाँ वेस्ट कोस्ट पर कोई डेल्टा नहीं बनाती हैं
14.भावर और तराई प्रदेश का वर्णन कीजिए।
Ans. भावर : हिमालय की नदियाँ पर्वतों के नीचे उतरते समय शिवालिक की ढाल पर 8 से 16 कि. … यहाँ नम तथा दलदली क्षेत्र का निर्माण करती हैं प्रदेश को तराई प्रदेश कहते हैं।
अध्याय 3
प्र. 6 अतिलघुउत्तरीय प्रश्न (शब्द सीमा 30 शब्द प्रत्येक के लिये 02 अंक) –
1.भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है?
Ans. भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है। यह बाँध पंजाब राज्य के होशियारपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है।
2.पश्चिम बंगाल का शोक किस नदी को कहा जाता है, और क्यों ?
Ans. छोटानागपुर की पहाड़ियों से 610 मीटर की ऊँचाई से निकलकर “दामोदर नदी” लगभग 290 किलोमीटर झारखण्ड में प्रवाहित होने के बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर 240 किलोमीटर प्रवाहित होकर हुगली नदी में मिल जाती है। … पहले दामोदर नदी अपनी बाढ़ों के लिए कुख्यात थी। इस नदी को पहले बंगाल का शोक कहा जाता था।
3.”नमामि गंगे परियोजना को समझाइए।
Ans. यह केंद्र सरकार की योजना है जिसे वर्ष 2014 में शुरू किया गया था। सरकार द्वारा इस परियोजना की शुरुआत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने तथा गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
4.ऐश्चुरी और डेल्टा में क्या अन्तर है
Ans. एस्टूरी: जब नदियाँ समुद्र में मिलती हैं। उस मिलने के स्थान पर खारे और मीठे पानी मिलते हैं और नदी द्वारा बहा कर लाई गई मिट्टी आदि जमा होने लगती है। … डेल्टा: ऐसे भूभाग को कहा जाता है, जो नदी द्वारा लाए गए अवसादों के संचयन से निर्मित हाता है। विशेषत: नदी के मुहाने पर, जहाँ वह किसी समुद्र अथवा झील में गिरती है।
5.गंगा अपवाहतंत्र की दो नदियों को समझाइये
Ans. ये दोनों बड़ी नदियां पद्मा(गंगा) एवं जमुना(ब्रह्मपुत्र का बांग्लादेश में नाम) बांग्लादेश में मिल जाती है और मिलने के बाद इसे पद्मा नदी ही कहा जाता है । बांग्लादेश में ही मेघना नदी पद्मा नदी में चांदपुर जिला(बांग्लादेश) में मिलती है और इसके आगे इस नदी को मेघना नदी के नाम से जाना जाता है ।
6.नमामिदेवी नर्मदे परियोजना क्या है
Ans. नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा का शुभारंभ रविवार को 11 बजे नर्मदा पूजन के साथ होगा। … सेवा यात्रा के दौरान मप्र में 2700 किलोमीटर लंबे नर्मदा तट पर पौधरोपण किए जाने की योजना है। इसके लिए किसानों को 20-20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से तीन सालों तक अनुदान दिया जाएगा
RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023
7.कावेरी द्रोणी को समझाइये।
Ans. इस नदी में वर्ष भर जल प्रवाह बना रहता है क्योंकि इसके प्रवाह क्षेत्र में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से वर्षा होती रहती है। कावेरी नदी द्रोणी का 3 प्रतिशत क्षेत्र केरल, 41 प्रतिशत कर्नाटक तथा 56 प्रतिशत तमिलनाडु में स्थित है। इस नदी की लम्बाई 800 किलोमीटर है और यह 81,155 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपवाहित करती है।
8.शिवसमुंदरम क्या है
Ans. शिवनसमुद्रम् प्रपात कावेरी नदी पर स्थित एक जल प्रपात है जहाँ 98 मीटर की ऊँचाई से जल गिरता है। इसका उपयोग जल विद्युत उत्पादन के लिए होता है। इस पर स्थापित जल विद्युत गृह एशिया का प्रथम जल विद्युत गृह है जिसकी स्थापना 1902 में हुई थी।
9.झील किसे कहते है। उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। … झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं।
10.पृथ्वी का 71% भाग जल से आच्छादित है, किंतु जल संकट क्यों उत्पन्न होता है।
Ans. ये तो आप जानते ही हैं कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. 1.6 प्रतिशत पानी ज़मीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है. पृथ्वी की सतह पर जो पानी है उसमें से 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है जो नमकीन है और पीने के काम नहीं आ सकता.
11.नदी प्रदूषण को रोकने के उपाय
Ans. नदी किनारे बसे लोगों को नदी में गंदे कपड़े नहीं साफ करने चाहिए। क्योंकि गंदे व दूषित कपड़े के रोगाणु पानी में दूर-दूर तक फैलकर बीमारी फैला सकते हैं। नदी में डिटर्जेट पाउडर, साबुन का प्रयोग और जलीय जीवों के शिकार से परहेज करना चाहिए। क्योंकि नदी के जीवों जैसे मछली, कछुआ, घड़ियाल, मेढ़क आदि प्रदूषण को दूर करते हैं।
12.सिंधु नदी तंत्र को समझाइए।
Ans. सिंधु नदी तंत्र हिमालय से निकलने वाली नदियों का एक महत्वपूर्ण तंत्र है। यह न केवल भारत की बल्कि विश्व की भी एक बड़ी नदी प्रणाली है। इसका अपवाह क्षेत्र 11,65,000 वर्ग किमी है जिसमें से 3,21,289 वर्ग किमी क्षेत्र भारत में है। … यह नदी अटक के निकट पहाड़ियों से बाहर आती है, यहीं दाहिनी ओर से काबुल नदी सिंधु में मिलती है।
13.झीलों के महत्व को समझाइए ।
Ans. झीलों का महत्व समझें । उनमें और आर्द्रभूमि में बहते जल स्रोतों के स्तर को बनाए रखकर बाढ़ और सूखे को नियंत्रित करने की क्षमता होती है और ये भूजल को रीचार्ज करने में सहायक है। इनके अन्दर गाद भी जमा होता रहता है जिनसे जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को ताजे पोषक तत्त्व मिलते रहते हैं।
14.राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना क्या है ?
Ans. पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) द्वारा राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) नदियों के प्रदूषण को रोकने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करना है। प्रयोक्‍ता को विभिन्न नदियों के लिए विशेष कार्य योजना पर जानकारी का उपयोग कर सकते हैं, सीवेज उपचार संयंत्र, पानी की गुणवत्ता की निगरानी और कार्यान्वयन एजेंसियों का विवरण।
15.हिमालय तथा प्रायद्वीप नदियों की तुलना कीजिए।
Ans. हिमालय की नदियाँ बारहमासी होती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती हैं और प्रायः मानसून में प्रवाहित होती हैं। हिमालयी नदियाँ अपने विकास क्रम में नवीन हैं और नवीन वलित पर्वतों के मध्य प्रवाहित होती हैं, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ प्रौढ़ावस्था में हैं और प्रायद्वीपीय पठारों से होकर प्रवाहित होती हैं।
16.नदी प्रदूषण रोकने के उपाय लिखिए।
Ans. नदी किनारे बसे लोगों को नदी में गंदे कपड़े नहीं साफ करने चाहिए। क्योंकि गंदे व दूषित कपड़े के रोगाणु पानी में दूर-दूर तक फैलकर बीमारी फैला सकते हैं। नदी में डिटर्जेट पाउडर, साबुन का प्रयोग और जलीय जीवों के शिकार से परहेज करना चाहिए। क्योंकि नदी के जीवों जैसे मछली, कछुआ, घड़ियाल, मेढ़क आदि प्रदूषण को दूर करते हैं।
RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023
अध्याय 4
प्र. 6 लघुत्तरीय प्रश्न ( शब्द सीमा 75 शब्द, प्रत्येक प्रश्न के लिये
1.ऊष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र क्या है। समझाइए।
Ans. अंत: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ)
ITCZ पृथ्वी पर, भूमध्यरेखा के पास वह वृत्ताकार क्षेत्र हैं, जहाँ उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों की व्यापारिक हवाएँ, यानि पूर्वोत्तर व्यापारिक हवाएँ तथा दक्षिण-पूर्व व्यापारिक हवाएँ एक जगह मिलती हैं।
2.भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए ।
Ans. भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक भारत की जलवायु को नियंत्रित करने वाले अनेक कारक हैं जिन्हें मोटे तौर पर दो वर्गों में बांटा जा सकता है-
स्थिति एवं उच्चावच संबंधी कारक
अक्षांश–
हिमालय पर्वत–
जल और स्थल का वितरण–
समुद्र तट से दूरी–
समुद्र तल से ऊंचाई –
उच्चावच–
3.ग्रीष्म एवं शीत ऋतु में अंतर लिखिए।
Ans. ग्रीष्म: ज्येष्ठ से आषाढ व मई से जून । सूर्य देवता जमकर बरसते हैं । … शीत ऋतु अथवा शिशिर ऋतु वर्ष की एक ऋतु है, जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः निम्न रहता है। … शीत ऋतु, भारत में यह नवम्बर से फरवरी तक होती है।
4.”आम्र वर्षा” किसे कहते है। किन राज्यों में होती है।
Ans. ग्रीष्म ऋतु में मानसून के आगमन से पूर्व यह वर्षा होती है। यह वर्षा केरल तथा पश्चिम के तटीय मैदानी भागों में होती है। आम की फ़सल के लिए उपयोगी होने के कारण ही इसे आम्र वर्षा कहा जाता है।
5.”कालबैसाखी” से क्या तात्पर्य है ? यह स्थिति क्यों निर्मित होती है
Ans. काल बैसाखी क्या है, ये किस कारण होता है? समुद्री किनारे वाली जगहो पर तेज़ गति के साथ आने वाले तूफानों को काल वैसाखी कहते हैं । इसका कारण गर्म व शुष्क स्थानिय किनारे वाली हवा और आद्र समुद्री हवाओं के टकराने से तेज़ मुसलाधार बारिश के साथ तुफान का आना । जैसें की बंगाल,तमिलनाडु,केरल में आने वाले तुफान ।
6.मानसून की वापसी शब्द से क्या तात्पर्य है ? समझाइए ।
Ans. “वर्षा में विराम” से आप क्या समझते हैं ? समझाइए
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अध्याय 5
प्र. 6 अतिलघुत्तरीय प्रश्न ( प्रत्येक के लिये 02 अंक)
1.प्राकृतिक वनस्पति से क्या आशय है? देशज और विदेशज वनस्पति में अंतर लिखिए।
Ans. वह वनस्पति जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होती है और लंबे समय तक उन पर मानव प्रभाव नहीं पड़ता है। विदेशज वनस्पति वनस्पति जो मूल रूप से भारतीय है देशज वनस्पति कहलाती हैं। जो वनस्पति भारत के बाहर से आई वे कहलाती हैं।
2. वनों का महत्व लिखिए।
Ans. प्रवासी पक्षी से क्या आशय है? भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों के बारे में लिखिए।
3.भारत के दो औषधीय पौधों के नाम व गुण लिखिए।
Ans.तुलसी तुलसी या औषधीय पौधों की रानी ऐसा दूसरा पौधा है जो आपके घर में होना जरूरी है. …
पुदीना यह ताजा सुगंधित औषधीय पौधा कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. …
मेथी मेथी औषधीय पौधों में से एक है, तो यह इसके गुणों के कारण है. …
सौंफ सौंफ एक सुगंधित पौधा है, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी है. …
धनिया …
अदरक
RBSE Board Class 9th social science Varshik Paper 2023
4.वन और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ?
Ans. भारत में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम’, ‘वन संरक्षण अधिनियम’, ‘राष्ट्रीय वन्य जीव कार्य योजना’, ‘टाइगर परियोजना’, ‘राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य’, ‘जैव-क्षेत्रीय रिजर्व कार्यक्रम’ आदि चल रहे हैं। इन योजनाओं के कारण कुछ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया गया है।
5.मैग्रोव वन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Ans. मैंग्रोव (Mangrove) ऐसे क्षुप व वृक्ष होते हैं जो खारे पानी या अर्ध-खारे पानी में पाए जाते हैं। … मैंग्रोव वनों का पारिस्थिकि में बहुत महत्व है, क्योंकि यह तटों को स्थिरता प्रदान करते हैं और बहुत प्राणी, मछली और पक्षी जातियों को निवास व सुरक्षा प्रदान करते हैं।
6.सदाबहार वन एवं पतझड़ वन में अंतर लिखिए (कोई-दो)
Ans. सदाबहार वन और पतझड़ वन में क्या अंतर है? उत्तर: सदाबहार वन बहुत घने होते हैं। इन वनों के पेड़ के पत्ते साल के अलग-अलग समय में गिरते हैं। वहीं दूसरी तरफ पतझड़ वन कम घने होते हैं।
7.भारत में कितने प्रकार के वन पाये जाते हैं ? किन्ही दो का वर्णन करिए।
Ans. भारतीय उपमहाद्वीप में अनेक प्रकार के वन पाये जाते हैं। मुख्यत: छ: प्रकार के वन समूह हैं जैसे आर्द्र उष्णकटिबंधीय वन, शुष्क उष्णकटिबंधीय, पर्वतीय उप-उष्णकटिबंधीय, उप-अल्पाइन, उप शीतोष्ण तथा शीतोष्ण जिन्हें 16 मुख्य वन प्रकारों में उपविभाजित किया गया है।
8.भारत वन्य प्राणियों की दृष्टि से धनी है। स्पष्ट कीजिए
Ans. भारत वन्य प्राणियों की दृष्टि से धनी है। … भारत में लगभग 2000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जो विश्व का 13 प्रतिशत है।
अध्याय 6
जनसंख्या
प्र.6 अतिलघुत्तरीय प्रश्न ( शब्द सीमा 30 शब्द प्रत्येक के लिये 02 अंक) –
निर्देश:- संबंधित प्रश्न 2011 की जनगणना के अनुसार हैं।
1. जनगणना किसे कहते हैं ?
Ans – किसी देश अथवा किसी भी क्षेत्र में लोगों के बारे में विधिवत रूप से सूचना प्राप्त करना एवं उसे रेकार्ड करना जनगणना (census) कहलाती है।
2. पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व न्यून क्यों है, इसके दो कारण लिखिए।
Ans – जनसंख्या के कम घनत्व वाले पुर्वी राज्य : अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह हैं।
– ये क्षेत्र या तो कम वर्षा, या पहाड़ी उबड़-खाबड़ जमीन या अवास्थ्यप्रद जलवायु या इन सभी कारणों के मिले-जुले प्रभाव से घनत्व कम है।
-इन्हीं कारणों से जीवन-यापन करने के लिये रोजगार के अवसरों की बहुत कमी होती है। अधिक शीत या अति शुष्क क्षेत्र में भी कृषि का विकास नहीं हो पाता।
3.उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अत्यधिक क्यों है। इसके दो कारण लिखिए।
Ans – सिन्धु-गंगा का मैदान, जिसे उत्तरी मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ मैदानी इलाका है। … इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा गंगा नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है। खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है।
4. 250 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम लिखिए।
Ans – कम जनसंख्या वाले क्षेत्र- इन क्षेत्र में सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश एवं अंडमान व निकोबार द्वीप समूह आते हैं। यहाँ जनसंख्या का घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 100 व्यक्ति से भी कम है।
5. उत्तरप्रदेश की कुल जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत भाग है। क्यों ?
उत्तर : -इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में उतार-चढ़ाव नहीं है, यद्यपि मैदान बहुत उपजाऊ है |
-यहाँ की जलवायु मुख्यतः उष्णदेशीय मानसून की है परन्तु समुद्र तल से ऊँचाई बदलने के साथ इसमें परिवर्तन होता है।
-विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण इस क्षेत्र का प्राणी जीवन समृद्ध है।
6. उत्तरी भारत की तुलना में दक्षिण भारत की जनसंख्या में क्या अन्तर दिखाई देता है ? लिखिए।
उत्तर : – उत्तरी भारत में मैदान उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से बने हैं। जहाँ कई प्रकार की फसलें, जैसे-गेहूँ, चावल, गन्ना और जूट उगाई जाती हैं। अत: यहाँ जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है।(जनसंख्या :504,196,432)
– भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार , दक्षिण भारत की अनुमानित जनसंख्या 252 मिलियन है, जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग पांचवां हिस्सा है।
अध्याय – 1
फ्रांसीसी क्रांति
निर्देश- इस अध्याय से एक प्रश्न दीर्घ उत्तरीय 04 अक का होगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – (04 अंक)
प्रश्न 1. फ्रांसीसी क्रांति में दर्शनिको के योगदान को लिखे?
उत्तर. फ्रांसीसी क्रांति में फ्रांस के दार्शनिकों का अहम योगदान है। जॉन लॉक और ज्याँजाक रुसों जैसे दार्शनिकों ने स्वतंत्रता, समान नियमों तथा समान अवसरों के विचार पर आधारित समाज की परिकल्पना की है। वह किसी व्यक्ति की सामाजिक हैसियत का आधार उसकी योग्यता को मानने पर बल देते थे। लॉक में राजा के दैवीय और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया था। रुसो ने इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा। मॉन्टेस्क्यू ने दि स्पिरिट ऑफ द लॉज नामक रचना में सरकार के अंदर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात की। इनके विचारों ने फ्रांस के जनमानस को कांति के लिए प्रेरित किया।
प्रश्न 2. 18वीं सदी में फ्रांसीसी समाज के तीनों स्टेटस के बारे में लिखिए
उत्तर. 18वीं सदी में फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट में बंटा था।
1. प्रथम एस्टेट : इस एस्टेट में पादरी वर्ग आता था उन्हें कुछ विशेषाधिकार प्राप्त थे। जैसे राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट।
2. द्वितीय एस्टेट : इस एस्टेट में कुलीन वर्ग आता था। इस वर्ग के लोगों को भी राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट प्राप्त थी। साथ ही इन्हें कुछ अन्य सामंती विशेषाधिकार भी हासिल थे। वह किसानों से सामंती कर वसूलता था।
3. तृतीय एस्टेट : तृतीय एस्टेट-इस एस्टेट में बड़े व्यावसायी, व्यापारी, अदालती कर्मचारी, वकील, किसान, कारीगर, भूमिहीन मजदूर और नौकर आदि सम्मिलित थे। राज्य के वित्तीय काम काज का सारा बोझ करों के माध्यम से यही वर्ग अर्थात जनसाधारण वहन करता था।
प्रश्न 3. फ्रान्स में दास प्रथा का उन्मूलन कैसे हुआ? समझाइये।
उत्तर. फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मलन जेकोबिन शासन के क्रांतिकारी विचारों में से एक था। 18वीं सदी में फ्रांस में दास प्रथा मुक्ति हेतु नेशनल असेम्बली में लम्बी बहस हुई परन्तु दास व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेम्बली में कोई कानून पारित नहीं किया गया 1794ई. के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। परन्तु यह कानून ज्यादा दिन लागू नहीं रह पाया, 10 वर्ष पश्चात् नेपोलियन ने दास प्रथा पुनः शुरु कर दी। बागान मालिकों को अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी।
अततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रुप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848ई. में किया गया।
प्रश्न 4. फ्रांसीसी क्रांति के परिणाम लिखिए ?
उत्तर. फ्रांसीसी क्रांति ने मानव जाति को स्वतंत्रता, समानता तथा बन्धुत्व का नारा प्रदान किया। … फ्रांस की इस क्रांति ने सदियों से चली आ रही यूरोप की पुरातन व्यवस्था का अंत कर दिया। इस क्रांति के परिणामस्वरूप देश की बहुसंख्यक जनता को सामन्तवाद से छुटकारा मिल गया। व्यापार कर कुलीनों व सामन्तों का एकाधिकार समाप्त हो गया।
प्रश्न 5 फ्रांसीसी क्रांति के राजनैतिक कारण लिखिए।
उत्तर. लुई XVI (1774-1793) फ्रांस के सिंहासन पर चढ़े। उस अवधि के दौरान, फ्रांस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। लुई सोलहवें एक निर्दोष और सरल व्यक्ति थे। लेकिन वह अपनी रानी मैरी एंटोनेट से प्रभावित था, जो हमेशा राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करती थी।
हताशा से वह बोला- “ओह! मेरा क्या बोझ है और उन्होंने मुझे कुछ नहीं सिखाया है। ” मैरी एंटोनेट, ऑस्ट्रियन महारानी मैरी थेरेसा की बेटी थीं। ऑस्टिन महारानी की बेटी के रूप में वह हमेशा गर्व महसूस करती थी। उसने हमेशा शानदार और असाधारण जीवन का आनंद लिया। उसने फ्रांसीसी क्रांति का बीज बोया। इस प्रकार, निरंकुश राजशाही, दोषपूर्ण प्रशासन, असाधारण खर्च ने फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारण का गठन किया ।
प्रश्न 6 फ्रांसीसी समाज की महिलाओं का जीवन कैसा था?
उत्तर. फ्रांसीसी समाज में अहम परिवर्तन लाने वाली गतिविधियों में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपने हितों की हिमायत करने फ्रांस के विभिन्न शहरों में लगभग 60 राजनीतिक क्लब शुरु किये थे, उनमें द सोसायटी ऑफ रेबलूशनरी एंड रिपब्लिकन विमेन सबसे मशहूर क्लब था। उनकी एक प्रमुख मांग यह थी कि महिलाओं को पुरुषों के समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए। वहीं तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएं जीवन निर्वाह के लिए काम करती थीं वे सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई, फल-फूल, सब्जीयाँ बेचना अथवा संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं। अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के मौके नहीं थे। केवल कुलीनों की लड़कियाँ अथवा तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियाँ ही कॉन्वेंट में पढ़ पाती थीं। महिलाओं की मजदूरी पुरुषों की तुलना में कम थी।
प्रश्न 7. ओलम्प डे गूंज द्वारा तैयार घोषणा पत्र में उल्लेखित मूलभूत अधिकारी क्या थे?
उत्तर –
1. महिला को पुरूष के समान अधिकार प्राप्त हैं।
2. सभी राजनैतिक संगठनो का लक्ष्य महिला पुरुष के नैसर्गिक अधिकार को संरक्षित करना है।
3. कानून सभी महिला पुरूष के लिए समान है। सभी अपनी योग्यतानुसार सम्मान एवं पद के हकदार है।
4. कोई महिला अपवाद नहीं है। वह अपराधी भी हो सकती है। गिरफ्तार, नजरबंद भी हो सकती है।
5. सभी महिला पुरूष व्यक्तिगत एवं प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि निर्माण में सहयोग तथा हस्तक्षेप कर सकते हैं।
प्रश्न 8 बाटरलू के युद्ध का वर्णन कीजिए?
उत्तर – वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
प्रश्न 9 नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कुल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया ।
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अध्याय- 2
यूरोप में समाजवाद व रूसी क्रांति
अति लघुउत्तरीय प्रश्न ( 04 अंक)
प्रश्न 1. कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए?
उत्तर:
कुलक : रुस में संपन्न किसानों को कुलक कहा जाता था। 1927-28 के आसापास रुस के शहरों में अनाज का भारी संकट पैदा हो गया था। स्टालिन का विश्वास था कि कुलक वर्ग अनाज इकट्ठा कर रहा है और यह वर्ग गरीब किसानों का वर्ग शत्रु है। अतः 1928 में स्टालिन की पार्टी के सदस्यों ने कुलको के ठिकानों पर छापे मारे एवं जबरन अनाज खरीदा। जब इसके बाद भी अनाज की कमी बनी रही तो स्टालिन ने कुलकों का सफाया करने के उद्देश्य से खेतों के सामूहिकीकरण करने का फैसला किया और सरकार द्वारा नियंत्रित बड़े खेतों की स्थापना की गई।
प्रश्न 2 रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयें के बारे में लिखिए?
उत्तर. रुसी क्रांति से प्रेरित होने वालों में बहुत सारे भारतीय भी थे। कई भारतीयों ने रुस के कम्युनिष्ट विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। कई महत्वपूर्ण भारतीय राजनयिक एवं सांस्कृतिक व्यक्तियों जैसे जवाहरलाल नेहरु, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि ने सोवियत प्रयोग में दिलचस्पी ली और वहाँ का दौरा किया। उन्होंने सोवियत समाजवाद के बारे में लिखा भी। आर.आर. अवस्थी ने भी रुसी क्रांति से प्रभावित होकर 1920-21 में रशियन रेव स, लेनिन हिज लाइफ एण्ड हिज थॉट्स आदि किताबें लिखी। उनके अलावा एस.डी. विधालंकार, शौकत उस्मानी ने भी रुस के विषय में लिखा है।
प्रश्न 3. रूस में जार का शासन क्यों खत्म हुआ, कोई दो कारण दीजिए?
उत्तर.
1. प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में रुसी जनता जार के साथ थी परन्तु जार द्वारा ड्यूमा के प्रमुख दलों से सलाह लेने के इंकार के कारण उसने रुसी जनता का समर्थन खो दिया।
2. प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी व आस्ट्रिया से पराजित हो पीछे हटती रुसी सेनाओं ने फसलों व इमारतों को नष्ट कर दिया इससे ब्रेड रोटी और आटे की किल्लत हो गई ब्रेड रोटी की दुकानों पर दंगे होने लगे। इस कारण ने भी जार शासन को अलोकप्रिय बना दिया। जार द्वारा 25 फरवरी 1917 को ड्यूमा को बर्खास्त करने के फैसले से असंख्य लोग जार के खिलाफ खड़े हो गए तब 2 मार्च को जार गद्दी छोड़ने को मजबूर हो गया। और इससे निरंकुशता का अंत हो गया।
प्रश्न 4 बोल्सेविको द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किये गये कोई दो परिवर्तन लिखिए ?
उत्तर.
(i) बोल्शेविकों निजी संपत्ति की व्यवस्था के खिलाफ थे। इस कारण निजी संपत्ति को ख़त्म किया गया। राज्य ने उत्पादन के सभी साधनो को नियंत्रण में ले लिया।
(ii) उद्योगों और बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर उसे सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया।
(iii) ज़मीन को समाजिक संपत्ति घोषित किया गया। किसानों को सामंतो की ज़मीनों पर कब्जा करने की खुली छूट दे दी गई।
(iv) ट्रेड युनियनों को पार्टियों ने नियंत्रण में किया। चेका नामक पुलिस उनको दण्डित करती थी जो बोल्शेविकों की आलोचना करते थे।
(v) बोल्शेविकों ने शहरों में मकान मालिक के लिए पर्याप्त हिस्सा कर मकानों के छोटे-छोटे भाग कर दिए है। ताकि जरूरतमंद लोगों को रहने की जगह मिल सके।
(vi) उन्होंने अभिजात्य वर्ग द्वारा पुरानी पदवियों के उपयोग पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सेवा और सरकारी अफसरों की वर्दिया बदली गई।
प्रश्न 5 मताधिकारी आंदोलन से क्या तात्पर्य था?
उत्तर. राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।
जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकारप्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।
प्रश्न 6 कॉमिटर्न शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर. कम्युनिष्ट पार्टियों की अतर्राष्ट्रीय संस्था ।
प्रश्न 7 रशियन सोशल डेमोक्रोटिक वर्कर्स पार्टी पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर. RSDLP पहला रूसी मार्क्सवादी समूह नहीं था; 1883 में श्रम समूह की मुक्ति का गठन किया गया था। आरएसडीएलपी को नरोदनिकों के क्रांतिकारी लोकलुभावनवाद का विरोध करने के लिए बनाया गया था , जिसे बाद में सोशलिस्ट रिवोल्यूशनरी पार्टी (एसआर) द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया था । मार्च 1898 में मिन्स्क में एक भूमिगत सम्मेलन में RSLDP का गठन किया गया था । नौ प्रतिनिधि थे: यहूदी लेबर बंड से, और कीव में रोबोचया गजेटा (“वर्कर्स न्यूजपेपर”) से , दोनों का गठन एक साल पहले 1897 में हुआ था; और सेंट पीटर्सबर्ग में मजदूर वर्ग की मुक्ति के लिए संघर्ष संघ. मॉस्को और येकातेरिनबर्ग के कुछ अतिरिक्त सामाजिक लोकतंत्रवादियों ने भी भाग लिया। आरएसडीएलपी कार्यक्रम सख्ती से कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के सिद्धांतों पर आधारित था । विशेष रूप से, उस समय रूस की कृषि प्रधान प्रकृति के बावजूद, वास्तविक क्रांतिकारी क्षमता औद्योगिक मजदूर वर्ग के पास थी। इस समय, तीन मिलियन रूसी औद्योगिक श्रमिक थे, जनसंख्या का केवल 3%। RSDLP अपने अधिकांश अस्तित्व के लिए अवैध था। कांग्रेस के एक महीने के भीतर, ओखराना (शाही गुप्त पुलिस) द्वारा नौ प्रतिनिधियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया ।
प्रश्न 8 निरंकुश राजशाही शब्द का रूस के संदर्भ में क्या तात्पर्य था?
उत्तर. असीमित, निरंकुश राजशाही – सरकार का यह रूप निरंकुशता के समान है। हालांकि रूस में इतिहास के विभिन्न अवधियों में “निरंकुश” शब्द की व्याख्या में अंतर था। नए युग के आगमन के साथ, यह शब्द असीमित, “रूसी राजशाही”, यानी पूर्णतावाद की राजशाही को दर्शाता है।
प्रश्न 9 रूसी शासन की केन्द्रीयकृत नियोजन व्यवस्था क्या थी?
उत्तर.
प्रश्न 10 स्टालिन के सामूहिक कार्यक्रम को समझाइए।
उत्तर. 1927-28 के आस-पास रुस के शहरों में अनाज का भारी संकट पैदा हो गया। अनाज की कमी को देखते हुए स्टालिन ने छोटे-छोटे खेतों के सामूहिकीकरण की प्रक्रिया शुरु की, क्योंकि उनका यह मानना था कि छोटे-छोटे टुकड़े आधुनिकीकरण में बाधा डालते हैं। इसलिए छोटे-छोटे किसानों से उनकी जमीन छीनकर राज्य के नियंत्रण में विशाल जमीन का टुकड़ा बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिये राज्य ने किसानों को मजबूर किया कि वे सामूहिक खेती करें। सामूहिक खेती के लिये बड़ी भूमि अर्जित करना ही स्टालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम कहलाता है।
अध्याय-3
नात्सीवाद और हिटलर का उदय
लघुउत्तरीय प्रश्न (03 अंक)
प्रश्न 1. न्यूरेमबर्ग नागरिकता अधिकार क्या था? समझाइए।
उत्तर. न्यूरेमबर्ग नागरिकता अधिकार (सितंबर 1935) के अनुसार –
1. जर्मन या उससे संबंधित रक्त वाले व्यक्ति ही जर्मन नागरिक होंगे और उन्हें जर्मन साम्राज्य का संरक्षण मिलेगा।
2. यहूदियों और जर्मनों के बीच विवाह पर पाबंदी।
3. यहूदियों और जर्मनों के बीच विवाहेत्तर संबंधों को अपराध घोषित कर दिया गया।
4. यहूदियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर पाबंदी लगा दी गई।
प्रश्न 2. नात्सी जर्मनी में महिलाओं विशेषकर माताओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर. नात्सी जर्मनी में महिलाओं विशेषकर माताओं की स्थिति में भिन्नता थी। नस्ली तौर पर वांछित दिखने वाले बच्चे को जन्म देने वाली माताओं को इनाम दिए जाते थे। उन्हें अस्पतालों में विशेष सुविधाऐं, दुकानों में ज्यादा छूट और थियेटर व रेलगाड़ी के टिकट सस्ते में मिलते थे। ज्यादा से ज्यादा बच्चे देने वाली माताओं को कांसा/चांदी/सोने का तमगा दिया जाता था। वहीं जो औरतें नस्ली तौर पर अवांछित बच्चों को जन्म देती थीं उन्हें दण्डित किया जाता था। उनकी सार्वजनिक निंदा की जाती थी।
प्रश्न 3 नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे?
उत्तर. नात्सी सोच के खास पहलू निम्न लिखित थे –
1. नस्ली श्रेष्ठता की भावना
2. यहूदियों का विरोध
3. लेबेन्स्त्राम या जीवन परिधि की भू-राजनीतिक अवधारणा-हिटलर अपने लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने को जरुरी मानता था।
4. यूटोपिया (नस्ली कल्पना लोक)- नात्सी विचारधारा में आदर्श विश्व के निर्माण की कल्पना की गई थी। जो यहूदियों से पूर्णतः मुक्त हो, केवल जर्मन आर्य मूल के लोग रहते हों।
5. युद्धों का समर्थन
6. साम्यवाद और लोकतंत्र का विरोध ।
प्रश्न 4 वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थी?
उत्तर. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय और सम्राट के पद त्याग के बाद वाइमर में राष्ट्रीय सभा की बैठक बुलाई गई और लोकतांत्रिक संविधान पारित किया गया। लेकिन यह नया वाइमर गणराज्य जर्मनी के अधिकांश लोगों को रास नहीं आया। अत: वाइमर गणराज्य की मुख्य समस्याएं निम्न प्रकार थीं –
1. प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जर्मनी पर थोपी गई वर्साय की कठोर एवं अपमानजनक संधि के लिए अधिकांश जर्मनवासी वाइमर गणराज्य को ही जिम्मेदार मानते थे।
2. रुसी क्रांति की सफलता से जर्मनी के कुछ भागों मे साम्यवादी प्रभाव तेजी से बढ़ा।
3. युद्ध अपराधी के रुप में जर्मनी पर 6 अरब पाउंड का जुर्माना लगाया गया जिसे चुकाने में वाइमर गणराज्य असमर्थ था।
4. जर्मनी द्वारा हर्जाना चुकाने से इंकार करने पर फ्रांस ने जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्र रुर पर कब्जा कर लिया जिसके कारण वाइमर गणराज्य की प्रतिष्ठा को बहुत हनी।
5. 1929 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से बढ़ी मंहगाई को नियंत्रित करने में वाइमर गणराज्य असफल रहा।
प्रश्न 5 नात्सियों ने जनता पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिये कौन-कौन से तरीके अपनाएँ?
उत्तर. सन् 1933 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद हिटलर ने राज्य एवं जनता पर नात्सियों के माध्यम से पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए –
1. विशेषाधिकार अधिनियम, मार्च 1933 द्वारा संसद के समस्त अधिकार हिटलर को देकर राज्य में तानाशाही स्थापित कर दी गई।
2. नात्सी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों और नेयनों पर पाबंदी लगा दी गई।
3. अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया ।
4. पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रण और व्यवस्थित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किए गए।
प्रश्न 6 नाजीवादी विचारधारा क्या थी समझाए।
उत्तर. नाजीवाद – यह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचारधारा थी। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचारधारा के मूल अंग थे। नाजीवादी विचारधारा मार्क्सवाद लोकतंत्र औद्योगिकीकरण आदि का पूरी तरह विरोध करती थीं। यह विचारधारा तानाशाही में विश्वास करती थी।
प्रश्न 7 वर्साय की संधि पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर. वर्साय की संधि 28 जून, 1919 को हुई। यह संधि प्रथम विश्व युद्ध के अंत में जर्मनी और गठबंधन देशों-ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और रूस आदि के बीच प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार हुई और 28 जून, 1919 को “वर्साय की संधि” पर हस्ताक्षर किए।
इस संधि के परिणामस्वरूप, जर्मनी को अपनी भूमि का एक बड़ा हिस्सा भुगतना पड़ा। बाकी राज्यों को इसके कब्जे में लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उनके सेना का आकार सीमित था और भारी मुआवजा लगाया गया था। वर्साय की संधि जर्मनी पर लागू की गई थी। इस कारण से, एडॉल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोगों ने इसे अपमानजनक माना। यही कारण था कि यह संधि द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों में से एक थी।जर्मनी के इतिहास पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
प्रश्न 8 जर्मनी के इतिहास पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर. प्राचीन रोमन लोग डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले “बर्बर कबीलों” वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द ‘Germany’ पड़ा। ये कबीले ‘पुरानी जर्मन भाषा’ की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया।
अध्याय-4
वन्य- समाज और उपनिवेशवाद
अति लघुउत्तरीय प्रश्न (02 अंक )
प्रश्न 1. औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए दो परिवर्तनो को लिखिए?
Ans – औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए परिवर्तनों ने इन समूहों को कैसे प्रभावित किया : झूम खेती करने वालों को। झूम खेती करने वालों को झूम कृषि पद्धति में वनों के कुछ भागों को बारी-बारी से काटा जाता है और जलाया जाता था। मानसून की पहली बारिश के बाद इस राख में बीज बो दिए जाते हैं और अक्टूबर-नवम्बर तक फसल काटी जाती है।
प्रश्न 2 बस्तर में औपनिवेशिक वन प्रबंधन क्या था?
Ans – बस्तर में वन प्रबन्धन का उत्तरदायित्व अंग्रेजों के और जावा में डचों के हाथ में था। लेकिन अंग्रेज व डच दोनों सरकारों के उद्देश्य समान थे। दोनों ही सरकारें अपनी जरूरतों के लिए लकड़ी चाहती थीं और उन्होंने अपने एकाधिकार के लिए काम किया। दोनों ने ही ग्रामीणों को घुमंतू खेती करने से रोका। दोनों ही औपनिवेशिक सरकारों ने स्थानीय समुदायों को विस्थापित करके वन्य उत्पादों का पूर्ण उपयोग कर उनको पारंपरिक आजीविका कमाने से रोका।
बस्तर के लोगों को आरक्षित वनों में इस शर्त पर रहने दिया या कि वे लकड़ी का काम करने वाली कंपनियों के लिए काम मुफ्त में किया करेंगे।
प्रश्न 3 युद्ध से जंगल क्यो प्रभावित होते है?
Ans –
(i) युद्धों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लकड़ी की बहुत आवश्यता होती है। जिसके कारण वनों को काटा जाता है।
(ii) विरोधी सैन्य बल सबसे पहले भोजन संसाधन तथा छुपने की जगहों को नष्ट करते है। इन दोनों की आपूर्ति में वन काफी सहायक होता है।
प्रश्न 4 झूम खेती पर टिप्पणी लिखिए ?
Ans – झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। फसल पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर होती है और उत्पादन बहुत कम हो पाता है। कुछ वर्षों तक (प्रायः दो या तीन वर्ष तक) जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् इस भूमि को छोड़ दिया जाता है जिस पर पुनः पेड़-पौधें उग आते हैं। अब अन्यत्र जंगली भूमि को साफ करके कृषि के लिए नई भूमि प्राप्त की जाती है और उस पर भी कुछ ही वर्ष तक खेती की जाती है। इस प्रकार यह एक स्थानानंतरणशील कृषि (shifting cultivation) है जिसमें थोड़े-थोड़े समय के अंतर पर खेत बदलते रहते हैं। भारत की पूर्वोत्तर पहाड़ियों में आदिम जातियों द्वारा की जाने वाली इस प्रकार की कृषि को झूम कृषि कहते हैं। इस प्रकार की स्थानांतरणशील कृषि को श्रीलंका में चेना, हिन्देसिया में लदांग और रोडेशिया में मिल्पा कहते हैं।
प्रश्न 5 वैज्ञनिक वानिकी क्या है?
Ans – वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग के द्वारा जंगलों के संसाधनों का प्रबंधन और संरक्षण करने को वैज्ञानिक वानिकी कहते हैं| संसाधन में केवल पेड़ ही नहीं आते बल्कि इसमें जल, जानवर, पौधे, मृदा व चट्टान भी आते हैं जो की जंगलों में पाए जाते हैं|
प्रश्न 6 स्लीपर क्या होते है?
Ans – रेल के इंजन चलाने के लिए इंधन के तौर पर एवं रेलवे लाइन बिछाने के लिए स्लीपर (लकड़ी के बने हुए) जो कि पटरियों को उनकी जगह पर बनाए रखने के लिए आवश्यक थे, सभी के लिए लकड़ी चाहिए थी। 1860 के दशक के बाद से रेलवे के जाल में तेजी से विस्तार हुआ।
प्रश्न 7 वन्य इलाके में रहने वाले लोगों के जीविको पार्जन के दो साधन कौन-कौन से है?
Ans –
1. लकड़ियां काटकर बेचना।
2. वनस्पतियों से दवाई बनाना।
प्रश्न 8 औपनिवेशिक शासन काल में रहने वाली दो वन्य जातियों के नाम व निवास स्थान लिखिए।
Ans –
1. नोमड ।
प्रश्न 9 अपराधी कबीले से क्या तात्पर्य है?
Ans – नोमड एवं चरवाहा समुदाय के लोगों को अपराधी कबीले कहा जाता था जिन्हें लकड़ी चुराते हुए पकड़ा जाता था। वन प्रबंधन द्वारा लाए गए बदलावों के कारण नोमड एवं चरवाहा समुदाय लकड़ी काटने, अपने पशुओं को चराने, कंद-मूल एकत्र करने, शिकार एवं मछली पकड़ने से वंचित हो गए। ये सभी गैरकानूनी घोषित कर दिए गए।
अध्याय – 1
लोकतंत्र क्या : लोकतंत्र क्यों
प्रश्न 6 :- दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दीजिये ?
1. सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी गणराज्य से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न(सम्प्रभुता) का अर्थ भारत आन्तरिक और बाहरी रूप से निर्णय लेने के लिए स्वतन्त्रत है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में एक बार संशोधन किया गया हैं|
समाजवादी – राज्य के सभी आर्थिक और भौतिक या अभौतिक संसाधनों पर अन्तिम रूप से राज्य का अधिकार होगा। ये किसी एक व्यक्ति के हाथ में केन्द्रित नहीं होगा।
2. लोकतन्त्र बेहतर शासन पद्धति है समझाइये।
उत्तर : लोकतन्त्र (संस्कृत: प्रजातन्त्रम् ) (शाब्दिक अर्थ “लोगों का शासन”, संस्कृत में लोक, “जनता” तथा तन्त्र, “शासन”,) या प्रजातन्त्र एक ऐसी शासन व्यवस्था और लोकतान्त्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतन्त्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किन्तु लोकतन्त्र का सिद्धान्त दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतन्त्र भिन्न-भिन्न सिद्धान्तों के मिश्रण बनाती हैै।
लोकतन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसकी सत्ता बना सकती है। लोकतन्त्र दो शब्दों से मिलकर बना है ,लोक + तन्त्र लोक का अर्थ है जनता तथा तन्त्र का अर्थ है शासन
3. प्रतिनिधि लोकतन्त्र से आप क्या समझते है।
उत्तर : प्रतिनिधिक लोकतंत्र (Representative democracy) वह लोकतन्त्र है जिसके पदाधिकारी जनता के किसी समूह द्वारा चुने जाते हैं। यह प्रणाली, ‘प्रत्यक्ष लोकतंत्र’ (direct democracy) के विपरीत है और इसी लिए इसे अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र (indirect democracy) और प्रतिनिधिक सरकार (representative government) भी कहते हैं। वर्तमान समय के लगभग सभी लोकतन्त्र प्रतिनिधिक लोकतंत्र ही हैं।
4. लोकतांत्रिक शासन व गैर लोकतांत्रिक शासन में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : १.लोकतांत्रिक सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है, जबकि गैर-लोकतांत्रिक नहीं।
२.लोकतांत्रिक देशों में लोगों को मौलिक अधिकार प्राप्त है जबकि गैर लोकतांत्रिक देशों में नहीं।
३.लोकतंत्र में निरंतर चुनाव होते हैं जिसमें जनता सरकार को बदल सकती है।
5. हमे संविधान की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर : किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ती है। संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है। जिसके अनुसार देश का शासन चलता है। प्रत्येक सरकार संविधान के अनुसार कार्य करती है। संविधान देश के अन्य सभी कानूनों से श्रेष्ठ होता है। यह सर्वोच्च कानून है। जो सरकार के अंगों तथा नागरिकों के आधारभूत अधिकारों को परिभाषित तथा सीमांकित करता है।
अध्याय 2
संविधान निर्माण
प्रश्न 6 लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दीजिये ?
1.संविधान सभा के चार सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर : डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि
2. संविधान क्या है।
उत्तर : संविधान ( ‘सम्’ + ‘विधान’ ), मूल सिद्धान्तों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है।
3. संविधान की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर : •लिखित एवं निर्मित संविधान …
विश्व का सबसे बड़ा संविधान …
•संविधान की प्रस्तावना …
भारतीय संविधान में विभिन्न संविधानों का समावेश …
4. वयस्क मताधिकार क्या है।
उत्तर : वयस्क मताधिकार का विचार समानता के विचार पर आधारित है क्योंकि यह घोषित करता है कि देश के हर नागरिक 18 वर्ष या 18 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री हो या पुरुष, किसी भी धर्म, क्षेत्र, रंग, आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों न हो एक ही वोट का हकदार है। देश के सभी नागरिकों को अपनी इच्छा से अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार ही वयस्क मताधिकारर है।
5. न्याय से तात्पर्य है?
उत्तर : न्याय का अर्थ यह है कि जब तक भेदभाव किए जाने का कोई उचित कारण न हो,तब तक सभी व्यक्तियों से एक जैसा व्यवहार किया जाये ।
अध्याय 3
चुनावी राजनीति
प्रश्न 6 लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दीजिये ?
1. निर्वाचन क्षेत्र क्या होते है।
Ans – चुनाव के उद्देश्य से पूरे देश को अनेक क्षेत्रों में बांट लिया गया है जिन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं
2. चुनाव अभियान क्या है।
Ans – अभियान एक संगठित प्रयास है जो एक विशिष्ट समूह के भीतर निर्णय लेने की प्रगति को प्रभावित करने का प्रयास करता है। लोकतंत्रों में , राजनीतिक अभियान अक्सर चुनावी अभियानों का उल्लेख करते हैं, जिसके द्वारा प्रतिनिधियों को चुना जाता है या जनमत संग्रह का निर्णय लिया जाता है। आधुनिक राजनीति में, सबसे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक अभियान आम चुनावों
और राज्य के मुखिया या सरकार के मुखिया , अक्सर राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री के उम्मीदवारों पर केंद्रित होते हैं ।
3. चुनाव क्यों होते है।
Ans – चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं। लोग चुनाव में अपनी पसंद के उमीदवार का चुनाव करते हैं। लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियाँ बना सकते हैं।
4. उप चुनाव क्यों होते है
Ans – उपचुनाव मुख्य चुनाव के बाद होने वाला चुनाव है जो मुख्य चुनाव न हो पाने की स्तिति में करवाया जाता है। आम तौर पर, इन चुनावों को तब कराया जाता है जब एक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को वोटिंग अनियमितताओं द्वारा अमान्य किया जाता है।
5. लोकतन्त्र देश है।
Ans – भारत दुनिया का दूसरा (जनसंख्या में) और सातवाँ (क्षेत्र में) सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, फिर भी यह एक युवा राष्ट्र है। 1947 की आजादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इसके राष्ट्रवादी के आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के तहत बनाया गया था।
अध्याय 1
पालमपुर गांव की कहानी
प्रश्न 5- दीर्घउत्तरीय प्रशनों के उत्तर दीजिए
1. भारतीय कृषि को समझाइए ।
Ans – कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। १९६० के बाद कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया। सन् २००७ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सा 16.6% था।
2. खेती के लिए आधुनिक व पारम्परिक तरीकों में क्या अन्तर है ? समझाइए ।
Ans – उत्तर.
आधुनिक खेती तरीका –
1. मशीनों द्वारा खेती की जाती थी
2 जैविक खेती ज्यादा नहीं होती।
3 स्वास्थ्य के लिये ज्यादा अच्छी नहीं मानी जाती (रासायनिक खाद के अत्यधिक प्रयोग के कारण)
4 सिंचाई के साधनों में नलकूपों, ट्यूबवेल का प्रयोग किया गया
पारंपरिक खेती तरीका –
1 हलों के माध्यम से बैलों द्वारा खेती की जाती थी
2. जैविक खेती ज्यादा होती थी।
3. स्वास्थ्य के लिये अच्छी मानी जाती थी।
4. संचाई के साधनों में नदी एवं कुंओं का प्रयोग किया जाता था।
3. पालमपुर गाँव की कहानी का वर्णन कीजिए।
Ans- पालमपुर गांव की कहानी उत्पादन से संबंधित कुछ विचारों को इंगित करती है। जैसे पालमपुर का मुख्य क्रियाकलाप कृषि है यहां 75% लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। जबकि अन्य कई क्रियाएँ जैसे, लघु-स्तरीय विनिर्माण, डेयरी, परिवहन आदि सभी लगभग सीमित स्तर पर ही किए जाते हैं।
4. उत्पादन के कौन-कौन कारक है ?
Ans – भूमि , श्रम , पूंजी , उघम।
5. उत्पादन के क्या उद्देश्य हैं ? समझाइए।
Ans – उत्पादन का उद्देश्य – ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं उत्पादित करना जिसकी हमें आवश्यकता होती है।
अध्याय 2
संसाधन के रूप में लोग
प्रश्न 4 – लघुउत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए ?
1. मानवपूजी निर्माण को समझाइए।
Ans – मानवीय पूंजी निर्माण का अर्थ है “ऐसे लोगों की प्राप्ति और उन की संख्या में वृद्धि जिनके पास निपुणताएं, शिक्षा और अनुभव है तथा जो देश के आर्थिक और राजनैतिक विकास के लिये महत्व रखते हैं । अत: एक रचनात्मक उत्पादक साधन के रूप में, यह व्यक्ति और उसके विकास पर निवेश से सम्बन्धित हैं ।”
2. अर्थव्यवस्था क्या है ?
Ans – अर्थव्यवस्था एक क्षेत्र है जहां आर्थिक वस्तुओं एवं सेवाओं के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का निष्पादन किया जाता है। जब हम किसी देश को उसकी समस्त आर्थिक क्रियाओं के संदर्भ में परिभाषित करते हैं, तो उसे अर्थव्यवस्था कहते हैं।
3. प्राथमिक व द्वितियक क्षेत्र के उदाहरण दीजिए।
Ans –
प्राथमिक क्षेत्र – प्राथमिक क्षेत्र में खनन, वानिकी, खेती और मछली पकड़ना रोजगार हैं।
द्वितियक क्षेत्र – विनिर्माण, जैसे ऑटोमोबाइल और स्टील का उत्पादन, द्वितीयक क्षेत्र के अंतर्गत व्यवसाय हैं।
तृतीयक क्षेत्र – शिक्षण, वित्त, बैंकिंग नौकरियां तृतीयक करियर के उदाहरण हैं।
4. भारत में बेरोजगारी के कारण लिखिए।
Ans – कृषि की विधियों में तकनीकों के अभाव, संस्थागत सुधार जैसे – भूमि सुधार, चकबन्दी, भूमिधारिता की सीमा आदि के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। इसके अलावा काश्तकारी सुधार, राजनीतिक एवं प्रशासनिक अदक्षता एवं किसानों के व्यवहार में असहयोग की भावना का होना भी बेरोजगारी का प्रमुख कारण है।
अध्याय 3 निर्धनता एक चुनौती
प्रश्न 6 लघुउत्तरीय प्रशनों के उत्तर दीजिए ?
1. निर्धनता क्या है।
Ans – निर्धनता (Poverty) की परिभाषा निर्धनता वह स्थिति या स्तर है जहां पर व्यक्ति की आय इतनी कम हो जाती है कि वह व्यक्ति अपनी आधारभूत जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम नहीं होता है। वर्तमान समय में निर्धनता के आकलन के लिए उपभोग और व्यय विधि दोनों का प्रयोग सरकारों द्वारा किया जाता है।
2.उत्पादन के क्या उद्देश्य हैं।
Ans – उत्पादन का उद्देश्य – ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं उत्पादित करना जिसकी हमें आवश्यकता होती है।
3. भारत में निर्धनता उन्मूलन के तीन उपाय लिखिए।
Ans –
1.व्यक्तिगत कारण :
हन्टर ने लिखा है- “निर्धनता और बीमारी एक जटिल समझौता बना लेती हैं जिसमें कि मनुष्यों में सबसे अधिक अभागों के दुःखों को बढ़ाने में प्रत्येक दूसरे की सहायता करता है ।”
2.भौगोलिक कारण :
आर्थिक समृद्धि के लिये प्राकृतिक साधनों के साथ-साथ अनुकूल मौसम भी बड़ा आवश्यक है । ओले, अनावृष्टि, अतिवृष्टि आदि से अच्छी खासी खेती भी बर्बाद हो जाती है । इसी प्रकार भयंकर गर्मी या अत्यधिक शीत भी आर्थिक क्रियाओं में बाधायें डालते हैं ।
3.आर्थिक कारण :
कृषि सम्बन्धी आर्थिक कारण अच्छी खाद, सुधरे हुए औजारों, अच्छे बीजों, सिचाई के साधनों, अच्छे पशुओं आदि का अभाव, रोग नाशक कीड़ों तथा पशुओं से खेती की रक्षा का उचित प्रबन्ध न होना, अन्धविश्वास, जमींदारी द्वारा किसानों का शोषण, जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े होना ऋणग्रस्तता आदि से किसान सदैव निर्धन बना रहता है ।
4.निर्धनता दूर करने के कौन-कौन उपाया है।
Ans – भारत निर्धनता दूर करने के उपाय
1. विकास की गति को तेज किया जाए।
2. आय एवं धन के वितरण को समानताओं को कम किया जाए।
3. जनसंख्या की वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रयास किए जाएं।
4. कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाएं।
5. कीमत स्थिरता के लिए उत्पादन एवं वितरण व्यवस्था में सुधार किया जाए।
5. सापेक्ष निर्धनता से क्या आशय है।
Ans –
1. सापेक्ष निर्धनता आय में पायी जाने वाली असमानताओं को प्रकट करती है।
2. सापेक्ष निर्धनता से आशय अंर्तराष्ट्रीय आर्थिक असमानताओं का बोध कराने से है। … विभिन्न वर्गों, विभिन्न प्रदेशों अथवा विभिन्न देशों की तुलनात्मक आय का प्रदर्शन सापेक्ष निर्धनता है।
6. NSSO क्या है।
Ans – राष्ट्रीय पतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (National Sample Survey Organisation (NSSO)) भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अधीन एक संगठन है। अब इसका नाम ‘राष्ट्रीय पतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय’ (National Sample Survey Office) हो गया है। यह भारत का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करने वाला सबसे बड़ा संगठन है।
7. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम क्या है।
Ans –
(i) इस अधिनियम को सितम्बर 2005 में पारित किया गया।
(ii) इस अधिनियम का नाम बदलकर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम कर दिया गया हैं।
(iii) यह अधिनियम प्रत्येक वर्ष देश के 200 जिलों में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के सुनिश्चित रोज़गार का प्रावधान करता है। बाद में इस योजना का विस्तार 600 जिलों में कर दिया जायेगा।
(iv) इस कार्यक्रम के अंतर्गत अगर आवेदक को 15 दिन के अन्दर रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वह (स्त्री /परुष) दैनिक बेरोज़गारी भत्ते का हकदार होगा ।

केशव सेम्पल पेपर्स 2023
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