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MPBSE Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23 | एमपी बोर्ड कक्षा 10वी संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2022-23 पीडीएफ डाउनलोड करें

 

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MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23

मध्य प्रदेश बोर्ड के अर्धवार्षिक परीक्षा 2 जनवरी से  12 जनवरी 2022 से होने जा रही हैं, MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23, यह परीक्षाएं इसलिए भी महत्वपूर्ण हक्योंकि इन परीक्षाओं में मिले अंक का वेटेज आपके फाइनल एग्जाम में भी जुड़ेगा। MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23,  जैसा कि हम जानते हैं कि हम आपको मध्य प्रदेश बोर्ड के अर्धवार्षिक परीक्षा के सभी कक्षाओं के प्रश्न पत्रों के हल उपलब्ध करवाएंगे। इसलिए यदि आप भी अर्धवार्षिक परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं और अपनी तैयारी को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़े रहिए ak4academy.com से.rbse class 10th sanskrit half yearly paper 2022 23,rajasthan board class 10th sanskrit question paper 2022,#class 10th sanskrit halfyearly paper 2022-23,class 10th sanskrit half yearly exam,rajasthan board half yearly exam 10th sanskrit 2022,#class 10th sanskrit ardhvarshik paper 2022-23,#10th class sanskrit halfyearly paper 2022-23 rbse,class 10th sanskrit paper 2023 half yearly,class 10th sanskrit,mp board sanskrit paper 2023 class 10th

 

MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23

 

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MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23 Download 2023

Board madhypradesh  Board of Secondary Education (BHOPAL)
Session 2022
Exam Name Class 10th
Subjects Hindi, English, Maths, biology  Etc.
Exam Date Dismber 2022
Official Website https://mpbse.nic.in/

 

MP Board 10th Class Half Yearly Sanskrit Question Paper 2023 Download

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CLASS 10th MODEL PAPER PDF LINK

SUBJECT  PDF link
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MP Board Class 10th Model Paper 2022-23

madhypradesh Board of Secondary Education bhopal,  द्वारा सभी कक्षाओं के अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पेपर जारी कर दिए गए हैं. जो विद्द्यार्थी अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2021 देने वाले हैं , MP Board Class 10th Sanskrit Half Yearly Paper 2022-23, वे छात्र इस वेबसाइट ak4academy.com में दिए गए लिंक से सभी कक्षाओं के सभी विषयों के पेपर डाउनलोड कर सकते हैं, अर्धवार्षिक परीक्षा 2022 कक्षा 10 संस्कृत का पेपर आरबीएससी बोर्ड,राजस्थान बोर्ड अर्धवार्षिक परीक्षा 2022 23 कक्षा दसवीं संस्कृत का पेपर,rbse class 10th sanskrit half yearly paper 2022 23,rajasthan board class 10th sanskrit question paper 2022,rajasthan board half yearly exam 10th sanskrit 2022,rajasthan board 10th sanskrit ardhvaarshik paper,rajasthan board ardhvaarshik paper class 10 sanskrit,class 10th sanskrit trimasik paper

 

MP Board 10th Hindi Half Yearly Paper 2022-23

छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 10वीं के जितने भी विद्यार्थी हैं उनकी छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 11वी अर्धवार्षिक परीक्षा 2022-23 चल रही है | तो आप की तैयारी को बहुत ही ज्यादा बेहतर बनाने के लिए हम आपके लिए छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 11वी अर्धवार्षिक परीक्षा 2022-23 के जो मॉडल पेपर है| वह आपके लिए लेकर आए हैं | तो आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके MP class 10th half yearly paper 2022-23 की आसानी से पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर सकते हैं ।

CLASS 10th परीक्षा अध्ययन  PDF LINK

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MPBSE Half Yearly Time Table 2022

राजस्थान राज्य के विद्यालयों में पढ़ने वाली सभी विद्यार्थी बड़ी उत्सुकता के साथ अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथियों का इंतजार कर रहे थे तो आप सभी विद्यार्थियों के लिए बता दें राजस्थान शिक्षा बोर्ड अजमेर के द्वारा कक्षा 9वीं 10वीं 11वीं और 11वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथि 8 दिसंबर 2022 से लेकर 20 दिसंबर 2022 निर्धारित कर दी गई है।

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एमपी बोर्ड 10वीं कक्षा का अर्धवार्षिक प्रश्न पत्र 2022-23 कैसे डाउनलोड करें

  • सबसे पहले आपको आरबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका लिंक नीचे उपलब्ध है।
  • अब आपको साइडबार में पुस्तकों/पुराने पेपर्स/मॉडल प्रश्नों का सेक्शन मिलेगा।
  • आपको मॉडल क्वेश्चन का सेक्शन ओपन करना है।
  • अब पुस्तक/पुराने पेपर्स/मॉडल प्रश्नों को डाउनलोड करने का लिंक मिलेगा।
  • इसे खोलने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
  • यहां आपको आरबीएसई द्वारा जारी किए गए सभी पुराने पेपर मिल जाएंगे।
  • आप नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से मॉडल पेपर्स डाउनलोड कर सकते हैं।

CLASS 10th सेम्पल पेपर PDF LINK

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How to Download MP Board 10th Class Sanskrit Half Yearly Question Paper 2022-23

  • First of all, you have to visit the official website of MPBSE , the link of which is available below.
  • Now you will get the section of Books/Old Papers/Model Questions in the sidebar.
  • You have to open the section of Model Questions.
  • Now the link to Download Book/Old Papers/Model Questions will be found.
  • Click on the link to open it.
  • Here you will get all the old papers released by MPBSE .
  • You can download the Model Papers from the direct link given below.

 

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एमपी बोर्ड कक्षा 10वी संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2022-23

छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 11वी हिन्दी अर्धवार्षिक पेपर 2022-23

 


अर्द्ध वार्षिक परीक्षा 2022-23

कक्षा – 10वीं

विषय –  संस्कृतम्


 

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निर्देश :- 

i. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः सन्ति ।

 ii. प्रश्नानां सम्मुखे अड्काः प्रदत्ताः सन्ति । 

_________________________________________

प्रश्न १. उचितविकल्पं चित्वा लिखत्- (१×६=६)

(१) ‘किम् + च’ इत्यस्य सन्धिः भवति-

(i) कम्च

(ii) कीम्च

(iii) किञ्च

(iv) कीच्च ।

(२) ‘गावश्च’ इत्यस्य सन्धिविच्छेदः अस्ति ।

(i) गा + च

(ii) गवा: + च

(iii) गो + च

(iv) गाव: + च 

(३) ‘लीलया + एव’ इत्यस्य सन्धिः अस्ति-

(i) लीला + एव

(ii) लाली + एव

(iii) लील + एव

(iv) लीलया + एव।

(४) अव्ययीभावसमासस्य उदाहरणम् अस्ति-

(i) पञ्चपात्रम्

(ii) घनश्यामः

(iii) अनुरूपम्

(iv) पीताम्बरः ।

(५) ‘न हितम्’ इत्यस्य समस्तपदम् अस्ति-

(i) आहितम्

(ii) अतिहितम्

(iii) आहिताम्

(iv) अहितम्

(६) ‘विद्यालयः’ इत्यस्य समासविग्रहः अस्ति- –

(i) विद्या आलय:

(ii) विद्य आलय:

(iii) विद्याम् आलय:

(iv) विद्याया: आलय: ।

(७) ‘भोजन + अन्ते’ इत्यस्य सन्धिः भवति-

(i) भोजनान्ते

(ii) भजनान्ते

(iii) भोजनन्ते

(iv) भाजानान्ते ।

(८) ‘यण् सन्धेः उदाहरणम् अस्ति-

(i) केऽपि

(ii) पवनः

(iii) यत्रैव

(iv) इत्यादि ।

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प्रश्न २. प्रदत्तैः विकल्पैः रिक्तस्थानानि पूरयत्-

(कृषक:, जननी, धृतवान्, हस् + शतृ, कुद्धः, क्त्वा, हतः)

 (क) धृ + क्तवतु ——-।

(ख) हसन् = ——-+——–।

(ग) हन् + क्त = ——।

(घ) क्रीडित्वा इत्यस्मिन् पदे —— प्रत्ययः अस्ति ।

(ड़)कश्चित्——— बलीवर्दाभ्यां क्षेत्रकर्षणं कुर्वन्नासीत् ।

(च) ———कृषीबलः तमुत्थापयितुं बहुवारम् यत्नमकरोत् ।

(छ)अपत्येषु च सर्वेषु—— तुल्यवत्सला । 

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 प्रश्न ३. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन वा लिखत-(१×७=७)

(क) ‘सलिलम्’ इत्यस्य एकं पर्यायपदं लिखत

(ख) ‘नयनम्’ इत्यस्य एक पर्यायपदं लिखत ।

(ग)”सुलभ:’ इत्यस्य विलोमपदं लिखत ।

(घ) ‘प्रथमः’ इत्यस्य विलोमपदं किम् ?

(ङ) सर्वदा सर्वकार्येषु का बलवती ?

(च) सदा कः पथ्यः ?

(छ) मनुष्याणां महान् रिपुः कः ?

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प्रश्न ४. युग्ममेलनं कुरुत- (१x६ =६)

‘अ’                                                ‘ब’

(क) प्रथमा विभक्तिः                       (i) कविम्

(ख) द्वितीया विभक्तिः‌                     (ii) त्वया

(ग) षष्ठी विभक्तिः                          (iii) प्राचार्य:

(घ) तृतीया विभक्ति:                       (iv) राम

(ङ) ‘प्र’ उपसर्गयुक्तः शब्दः                 (v) निर्धन:

(च) ‘निर्’ उपसर्गयुक्तः शब्दः               (vi) मम् 

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प्रश्न ५. शुद्धवाक्यानां समक्षं ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्षं ‘न’ इति लिखत- (१x६ =६)

(क) ‘पास्यति’ इत्यस्मिन् पदे लट्लकारः अस्ति

 (ख) ‘अभवत्’ इत्यस्मिन् पदे प्रथमः पुरुषः अस्ति ।

(ग)’लभन्ते’ अत्र ‘लभ्’ धातुः अस्ति ।

(घ) ‘गच्छन्ति’ इत्यस्मिन् रूपे एकवचनम् अस्ति ।

 (ङ) ‘सर्वदा व्यायामः कर्तव्य:’ इत्यस्य ‘सर्वदा’ अव्ययः अस्ति। 

(च) ‘अत्र जीवनं दुर्वहम् अस्ति’ अस्मिन् वाक्ये ‘अस्ति’ पदम् अव्ययम् अस्ति

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प्रश्न ६. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत- 

(क) कविः किमर्थं प्रकृतेः शरणम् इच्छति ?

(ख) लोके महतो भयात् कः मुच्यते ?

प्रश्न ७. अघोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) व्यायामात् किं किमुपजायते ?

(ख) कृषकः किं करोति स्म ?

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प्रश्न ८. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) माता सुरभिः किमर्थम् अश्रूणि मुञ्चति स्म ?

(ख) केन समः बन्धुः नास्ति ?

प्रश्न ९. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत- 

(क) कस्मात् कारणात् महानगरेषु संसरणं कठिनं वर्तते ?

(ख) बुद्धिमती केन उपेता पितुगृह प्रति चलिता ?

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प्रश्न १०. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) इन्द्र: दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं किं कृतवान् ?

(ख) प्रसृते निशान्धकारे स किम् अचिन्तयत् ? 

प्रश्न ११. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) केषां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते ?

(ख) नराणां प्रथमः शत्रुः कः ? 

प्रश्न १२. अधोलिखितस्य एकस्य वाच्यपरिवर्तनं कुरुत- 

(क) मोहनेन पाठः पठ्यते ।

(ख) काकः पिकस्य संततिं पालयति ।

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प्रश्न १३. ‘कः कं प्रति कथयति’ एकस्य उत्तरं लिखत-

(क) भवान् कुतः भयात् पलायितः ?

 (ख) विरम विरम आत्मश्लाघाया।

प्रश्न १४. अधोलिखितस्य एकस्य स्थलूपदमावृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(क) त्वं मानुषात् विभेषि 

(ख) सुराधिपः ताम् अपृच्छत् ।

प्रश्न १५. अधोलिखितस्य एकस्य अशुद्धकारकवाक्यस्य शुद्धिः करणीया-

(क) मम दुग्धं रोचते ।

 (ख) गणेशः नमः।

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प्रश्न १६, अधोलिखितस्य गद्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत –

विचित्रा दैवगतिः तस्यामेव रात्रौ तस्मिन् गृहे कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रवष्टिः । तत्र निहितामेकां मज्जूषाम् आदाय पलायितः चौरस्य पादध्वनिना प्रबुद्धोऽतिथिः चौरशङ्कया नमन्वधावत् अग्रहणाच्च, परं विचित्रमघटत चौरः एव उच्चैः क्रोशितुमारभत “चौरोऽयं चौरोऽयम्” इति। तस्य तारस्वरेण प्रबुद्धाः ग्रामवासिनः स्वगृहाद् निष्क्रम्य तत्रागच्छन् वराकमतिथिमेव च चौरं मत्वाऽभत्संयन् । यद्यपि ग्रामस्य आरक्षी एवं चौर आसीत्। तत्क्षणमेव रक्षापुरुषः तम् अतिथिं चौरोऽयम् इति प्रख्याप्य कारागृहे प्राक्षिपत् । 

प्रश्न – (क) विचित्रा का ?

(ख) तस्मिन् गृहे कः प्रविष्टः ?

(ग) पादध्वनिना कः प्रबुद्धः अभवत्? 

अथवा

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ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायत इति कथयन्ति भूकम्पविशेषज्ञाः । पृथिव्याः गर्भे विद्यमानोऽग्निर्यदा खनिजमृत्तिकाशिलादिसञ्चयं क्वथयति तदा तत्सर्वमेव लावारसताम् उपेत्य दुर्वारगत्या धरां पर्वतं वा विदार्य बहिर्निष्क्रामति धूमभस्मावृतं जायते तदा गगनम्। सेल्सियश-ताप-मात्रामा अष्टशताङ्क कृतामुपगतो ऽयं लावारसो यदा नदीवेगेन प्रवहति तदा पार्श्वस्थग्ग्रामा नगराणि वा तदुदरे क्षणेनैव समाविशन्ति। निहन्यन्ते च विवशाः प्राणिनः । ज्वालामुनिरन्त एते पर्वता अपि भीषणं भूकम्पं जनयन्ति ।

प्रश्न – (क) भूकम्पः कथं जायते

 (ख) तदा गगन कीदृशं जायते ?

(ग) के निहन्यन्ते ?

प्रश्न १७. अधोलिखितस्य पद्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत- १×३-३

 दुर्वहमत्र जीवितं जातं प्रकृतिरेव शरणम् ।

                            शुचि पर्यावरणम् ॥

महानगरमध्ये चलदनिशं कालायसचक्रम्। 

मनः शोषयत् तनुः पेषयद् भ्रमति सदा वक्रम् ॥

दुर्दान्तैर्दशनैरमुना स्यान्नैव जनग्रसनम्। शुचि…..…||

 प्रश्न- (क) अत्र जीवनं कथम् ?

(ख) किम् एव शरणम् ?

(ग) कुत्र चलदनिशं कालायसचक्रम् ?

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अथवा

व्यायामो हि सदा पथ्यो बलिनां स्निग्धभोजिनाम् । 

स च शीते वसन्ते च तेषां पथ्यतमः स्मृतः ॥

प्रश्न- (क) कः सदा पथ्यः ?

(ख) व्यायामो हि सदा कथं बलिनाम् ?

(ग) स्निग्धभोजिनां कः सदा पथ्यः ?

प्रश्न १८. अधोलिखितस्य नाट्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत- १×३ = ३

पिकः – अलम् अलम् अतिविकत्थनेन। किं विस्मर्यते यत्- 

काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः ।

वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः पिकः पिकः ॥

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काक:- रेपरभृत् अहं यदि तव संतति न पालयामि तर्हि कुत्र स्युः पिकाः ? अतः अहम् एव करुणापर पक्षिमाद काकः ।

गज : – समीपतः एवागच्छन अरे अरे! सर्व सम्भाषणं शृण्वन्नेवाहम् अत्रागच्छम् अहं विशालकाय बलशाली, पराक्रमी च सिंहः वा स्यात् अथवा अन्यः कोऽपि वन्यपशून द स्वडेन पोचवित्वा मारयिष्यामि किमन्यः कोऽप्यस्ति एतादृशः पराक्रमी अतः अहमेव योग्य: वनराजपदाय।

प्रश्न- (क) काकः कीदृशः पिकः कीदृश:?

(ख) कदा काकः काकः पिकः पिकः ?

(ग) शृण्वन’ इत्यस्य पदस्य प्रकृतिं प्रत्ययं च पृथक कुरुत ।

अथवा

वनस्य दृश्यं समीपे एवैका नदी वहति। एकः सिंहः सुखेन विश्राम्यते तदैव एकः वानरः आगत्य तस्य पुनाति । कुद्धः सिंहः तं प्रहतुमिच्छति पर वानरस्तु कूर्दित्वा वृक्षमारूढः । तदैव अन्याया वृक्षात अपरः वानरः सिंहस्य कर्णमाकृष्य पुनः वृक्षोपरि आरोहति। एवमेव वानराः वारं वारं सिंह तुदन्ति । कुद्धः सिंहः इतस्ततः धावति, गर्जति पर किमपि कर्तुमसमर्थः एव तिष्ठति । वानराः सन्ति वृक्षोपरि च विविधाः पक्षिणः अपि सिंहस्य एतादृशीं दशां दृष्ट्वा हर्षमिश्रितं कलरवं कुर्वन्ति।

प्रश्न- (क) कः सुखेन विश्राम्यते ? 

(ख) कः आगत्य सिंहस्य पुच्छं धुनाति ?

(ग) ‘वृक्षोपरि’ इत्यस्य पदस्य समासविग्रहं कुरुत।

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प्रश्न १९. प्रदत्तः शब्दैः त्रयाणां रिक्तस्थानानां पूर्तिः करणीया- (अत्र, अहिभुक्, एव, स्थितप्रज्ञः, मेध्यामेध्यभक्षक:, यथासमया)

(क) पर्यावरणास्य संरक्षणम् ——प्रकृतेः आराधना ।

(ख) काक: ——- भवति ।

(ग) मयूरः —— इति नाम्नाऽपि ज्ञायते ।

 (घ) सर्वेषामेव महत्त्वं विद्यते ———-।

(ङ)——— जीवन दुर्वहम् अस्ति ।

(च) वक: अविचल : ——— इव तिष्ठति ।

उत्तर- (क) एवं (ख) मेध्यामेध्यभक्षक:, (ग) अहिभुक, (घ) यथासमयमू, (ङ) अत्र, (च) स्थितप्रज्ञः।

 प्रश्न २०. प्रश्नपत्रे समागतान् श्लोकान् विहाय स्वपाठ्यपुस्तकात् कण्ठस्थीकृतं सुभाषितद्वयं लिखत । ४

प्रश्न २१. स्वप्राचार्यस्य कृते पञ्चदिवसानाम् अवकाशार्थम् एकं प्रार्थनापत्रं संस्कृतभाषायां लिखत । ४

अथवा

मित्राय स्वाध्ययनस्य वर्णयन् एकं पत्रं संस्कृतभाषायां लिखत ।

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प्रश्न २२. अधोलिखितम् अपठितं गद्यांश सम्यक् पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत्-

शरीरं धर्मस्य प्रथमं साधनम् अस्ति ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’। शरीरस्य आरोग्यं व्यायामेन सिध्यति यः व्यायामं करोति तस्य प्राणशक्तेः आपदः स्वयमेव दूरं गच्छन्ति। व्यायामेन शरीरे शुद्धरक्तसञ्चारः भवति। इन्द्रियाणि सुस्थानि स्वस्थानि च भवन्ति। जठराग्नि दीप्तः भवति परिवृद्धम् उदरं सङ्कोचं गच्छति। मस्तिष्क उर्वरं भवति । अस्मिन् लोके जनैः क्योऽनुसारं कोऽपि व्यायामः अवश्यः करणीयः ।

प्रश्न- (i) धर्मस्य प्रथमं साधनं किम् अस्ति ?

(ii) कीदृशम् उदरं व्यायामेन सङ्कोचं गच्छति ?

(iii) अस्य गद्यांशस्य समुचितं शीर्षक लिखत ।

 (iv) ‘कोऽपि’ पदस्य सन्धिविच्छेदः कुरुत।

अथवा

संस्कृतभाषा अस्माकं देशस्य प्राचीनतमा भाषा अस्ति। प्राचीनकाले सर्वे एव भारतीयाः संस्कृतभाषया एव व्यवहारं कुर्वन्ति स्म कालान्तरे विविधाः प्रान्तीयाः भाषा प्रचलिताः अभवन् किन्तु संस्कृतस्य महत्वम् अद्यापि अक्षुण्णं वर्तते । सर्वे प्राचीनग्रन्थाः चत्वारो वेदाश्च संस्कृतभाषायामेव सन्ति। संस्कृतभाषा भारतराष्ट्रस्य

एकतायाः आधारः अस्ति ।

प्रश्न- (i) उपर्युक्त गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत ।

(ii) अस्माकं देशस्य प्राचीनतमा भाषा का ?

(iii) सर्वे वेदग्रन्थाः कस्याम् भाषायां सन्ति ?

(iv) भारतराष्ट्रस्य एकतायाः आधारः कः ?

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प्रश्न २३. अधोलिखितेषु एकं विषयं स्वीकृत्य शतशब्देषु संस्कृतभाषायां निबन्धं लिखत-

(i) संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्,

(ii) अस्माकं देश,

(iii) सदाचार:,

(iv) महाकवि: (कालिदासः) ।

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सभी प्रश्नों के उत्तर

निर्देश :- 

i. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः सन्ति ।

 ii. प्रश्नानां सम्मुखे अड्काः प्रदत्ताः सन्ति । 

__________________________________________

प्रश्न १. उचितविकल्पं चित्वा लिखत्- (१×६=६)

(१) ‘किम् + च’ इत्यस्य सन्धिः भवति-

(i) कम्च

(ii) कीम्च

(iii) किञ्च

(iv) कीच्च ।

उत्तर- (iii) किञ्च

(२) ‘गावश्च’ इत्यस्य सन्धिविच्छेदः अस्ति ।

(i) गा + च

(ii) गवा: + च

(iii) गो + च

(iv) गाव: + च 

उत्तर- (iv) गाव: + च ।

(३) ‘लीलया + एव’ इत्यस्य सन्धिः अस्ति-

(i) लीला + एव

(ii) लाली + एव

(iii) लील + एव

(iv) लीलया + एव।

उत्तर- (iv) लीलया + एव।

(४) अव्ययीभावसमासस्य उदाहरणम् अस्ति-

(i) पञ्चपात्रम्

(ii) घनश्यामः

(iii) अनुरूपम्

(iv) पीताम्बरः ।

उत्तर- (iii) अनुरूपम्

(५) ‘न हितम्’ इत्यस्य समस्तपदम् अस्ति-

(i) आहितम्

(ii) अतिहितम्

(iii) आहिताम्

(iv) अहितम्

उत्तर- (iv) अहितम्

(६) ‘विद्यालयः’ इत्यस्य समासविग्रहः अस्ति- –

(i) विद्या आलय:

(ii) विद्य आलय:

(iii) विद्याम् आलय:

(iv) विद्याया: आलय: ।

उत्तर- (iv) विद्याया: आलय: ।

(७) ‘भोजन + अन्ते’ इत्यस्य सन्धिः भवति-

(i) भोजनान्ते

(ii) भजनान्ते

(iii) भोजनन्ते

(iv) भाजानान्ते ।

उत्तर- (i) भोजनान्ते

(८) ‘यण् सन्धेः उदाहरणम् अस्ति-

(i) केऽपि

(ii) पवनः

(iii) यत्रैव

(iv) इत्यादि ।

उत्तर- (iv) इत्यादि ।

प्रश्न २. प्रदत्तैः विकल्पैः रिक्तस्थानानि पूरयत्-

(कृषक:, जननी, धृतवान्, हस् + शतृ, कुद्धः, क्त्वा, हतः)

 (क) धृ + क्तवतु ——-।

(ख) हसन् = ——-+——–।

(ग) हन् + क्त = ——।

(घ) क्रीडित्वा इत्यस्मिन् पदे —— प्रत्ययः अस्ति ।

(ड़)कश्चित्——— बलीवर्दाभ्यां क्षेत्रकर्षणं कुर्वन्नासीत् ।

(च) ———कृषीबलः तमुत्थापयितुं बहुवारम् यत्नमकरोत् ।

(छ)अपत्येषु च सर्वेषु—— तुल्यवत्सला । 

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उत्तर- (क) धृतवान्, (ख) हस् + शतृ, (ग) हतः, (घ) क्त्वा, (ङ) कृषक:, (च) क्रुद्धः, (छ) जननी। 

 प्रश्न ३. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन वा लिखत-(१×७=७)

(क) ‘सलिलम्’ इत्यस्य एकं पर्यायपदं लिखत

(ख) ‘नयनम्’ इत्यस्य एक पर्यायपदं लिखत ।

(ग)”सुलभ:’ इत्यस्य विलोमपदं लिखत ।

(घ) ‘प्रथमः’ इत्यस्य विलोमपदं किम् ?

(ङ) सर्वदा सर्वकार्येषु का बलवती ?

(च) सदा कः पथ्यः ?

(छ) मनुष्याणां महान् रिपुः कः ?

उत्तर- (क) जलम्, (ख) नेत्रम्, (ग) दुर्लभ:, (घ) द्वितीय:, (ङ) बुद्धि:, (च) व्यायामः, (छ) आलस्यम्।

प्रश्न ४. युग्ममेलनं कुरुत- (१x६ =६)

‘अ’                                                ‘ब’

(क) प्रथमा विभक्तिः                       (i) कविम्

(ख) द्वितीया विभक्तिः‌                     (ii) त्वया

(ग) षष्ठी विभक्तिः                          (iii) प्राचार्य:

(घ) तृतीया विभक्ति:                       (iv) राम

(ङ) ‘प्र’ उपसर्गयुक्तः शब्दः                 (v) निर्धन:

(च) ‘निर्’ उपसर्गयुक्तः शब्दः               (vi) मम् 

उत्तर—(क) → (iv), (ख) (i), (ग) (vi), (घ) (ii), (ङ) → (iii), (च) → (v).

प्रश्न ५. शुद्धवाक्यानां समक्षं ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्षं ‘न’ इति लिखत- (१x६ =६)

(क) ‘पास्यति’ इत्यस्मिन् पदे लट्लकारः अस्ति

 (ख) ‘अभवत्’ इत्यस्मिन् पदे प्रथमः पुरुषः अस्ति ।

(ग)’लभन्ते’ अत्र ‘लभ्’ धातुः अस्ति ।

(घ) ‘गच्छन्ति’ इत्यस्मिन् रूपे एकवचनम् अस्ति ।

 (ङ) ‘सर्वदा व्यायामः कर्तव्य:’ इत्यस्य ‘सर्वदा’ अव्ययः अस्ति। 

(च) ‘अत्र जीवनं दुर्वहम् अस्ति’ अस्मिन् वाक्ये ‘अस्ति’ पदम् अव्ययम् अस्ति

उत्तर- (क) न, (ख) आम्, (ग) आम्, (घ) न, (ङ) आम्, (च) न।

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प्रश्न ६. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत- 

(क) कविः किमर्थं प्रकृतेः शरणम् इच्छति ?

(ख) लोके महतो भयात् कः मुच्यते ?

प्रश्न ७. अघोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) व्यायामात् किं किमुपजायते ?

(ख) कृषकः किं करोति स्म ?

प्रश्न ८. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायाम् पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) माता सुरभिः किमर्थम् अश्रूणि मुञ्चति स्म ?

(ख) केन समः बन्धुः नास्ति ?

प्रश्न ९. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत- 

(क) कस्मात् कारणात् महानगरेषु संसरणं कठिनं वर्तते ?

(ख) बुद्धिमती केन उपेता पितुगृह प्रति चलिता ?

प्रश्न १०. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) इन्द्र: दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं किं कृतवान् ?

(ख) प्रसृते निशान्धकारे स किम् अचिन्तयत् ? 

प्रश्न ११. अधोलिखितयोः प्रश्नयोः एकस्य प्रश्नस्य उत्तरं संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत-

(क) केषां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते ?

(ख) नराणां प्रथमः शत्रुः कः ? 

प्रश्न १२. अधोलिखितस्य एकस्य वाच्यपरिवर्तनं कुरुत- 

(क) मोहनेन पाठः पठ्यते ।

(ख) काकः पिकस्य संततिं पालयति ।

प्रश्न १३. ‘कः कं प्रति कथयति’ एकस्य उत्तरं लिखत-

(क) भवान् कुतः भयात् पलायितः ?

 (ख) विरम विरम आत्मश्लाघाया।

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प्रश्न १४. अधोलिखितस्य एकस्य स्थलूपदमावृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(क) त्वं मानुषात् विभेषि 

(ख) सुराधिपः ताम् अपृच्छत् ।

प्रश्न १५. अधोलिखितस्य एकस्य अशुद्धकारकवाक्यस्य शुद्धिः करणीया-

(क) मम दुग्धं रोचते ।

 (ख) गणेशः नमः।

प्रश्न १६, अधोलिखितस्य गद्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत –

विचित्रा दैवगतिः तस्यामेव रात्रौ तस्मिन् गृहे कश्चन चौरः गृहाभ्यन्तरं प्रवष्टिः । तत्र निहितामेकां मज्जूषाम् आदाय पलायितः चौरस्य पादध्वनिना प्रबुद्धोऽतिथिः चौरशङ्कया नमन्वधावत् अग्रहणाच्च, परं विचित्रमघटत चौरः एव उच्चैः क्रोशितुमारभत “चौरोऽयं चौरोऽयम्” इति। तस्य तारस्वरेण प्रबुद्धाः ग्रामवासिनः स्वगृहाद् निष्क्रम्य तत्रागच्छन् वराकमतिथिमेव च चौरं मत्वाऽभत्संयन् । यद्यपि ग्रामस्य आरक्षी एवं चौर आसीत्। तत्क्षणमेव रक्षापुरुषः तम् अतिथिं चौरोऽयम् इति प्रख्याप्य कारागृहे प्राक्षिपत् । 

प्रश्न – (क) विचित्रा का ?

(ख) तस्मिन् गृहे कः प्रविष्टः ?

(ग) पादध्वनिना कः प्रबुद्धः अभवत्? 

अथवा

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ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायत इति कथयन्ति भूकम्पविशेषज्ञाः । पृथिव्याः गर्भे विद्यमानोऽग्निर्यदा खनिजमृत्तिकाशिलादिसञ्चयं क्वथयति तदा तत्सर्वमेव लावारसताम् उपेत्य दुर्वारगत्या धरां पर्वतं वा विदार्य बहिर्निष्क्रामति धूमभस्मावृतं जायते तदा गगनम्। सेल्सियश-ताप-मात्रामा अष्टशताङ्क कृतामुपगतो ऽयं लावारसो यदा नदीवेगेन प्रवहति तदा पार्श्वस्थग्ग्रामा नगराणि वा तदुदरे क्षणेनैव समाविशन्ति। निहन्यन्ते च विवशाः प्राणिनः । ज्वालामुनिरन्त एते पर्वता अपि भीषणं भूकम्पं जनयन्ति ।

प्रश्न – (क) भूकम्पः कथं जायते

 (ख) तदा गगन कीदृशं जायते ?

(ग) के निहन्यन्ते ?

प्रश्न १७. अधोलिखितस्य पद्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत- १×३-३

 दुर्वहमत्र जीवितं जातं प्रकृतिरेव शरणम् ।

                            शुचि पर्यावरणम् ॥

महानगरमध्ये चलदनिशं कालायसचक्रम्। 

मनः शोषयत् तनुः पेषयद् भ्रमति सदा वक्रम् ॥

दुर्दान्तैर्दशनैरमुना स्यान्नैव जनग्रसनम्। शुचि…..…||

 प्रश्न- (क) अत्र जीवनं कथम् ?

(ख) किम् एव शरणम् ?

(ग) कुत्र चलदनिशं कालायसचक्रम् ?

अथवा

व्यायामो हि सदा पथ्यो बलिनां स्निग्धभोजिनाम् । 

स च शीते वसन्ते च तेषां पथ्यतमः स्मृतः ॥

प्रश्न- (क) कः सदा पथ्यः ?

(ख) व्यायामो हि सदा कथं बलिनाम् ?

(ग) स्निग्धभोजिनां कः सदा पथ्यः ?

प्रश्न १८. अधोलिखितस्य नाट्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत- १×३ = ३

पिकः – अलम् अलम् अतिविकत्थनेन। किं विस्मर्यते यत्- 

काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः ।

वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः पिकः पिकः ॥

काक:- रेपरभृत् अहं यदि तव संतति न पालयामि तर्हि कुत्र स्युः पिकाः ? अतः अहम् एव करुणापर पक्षिमाद काकः ।

गज : – समीपतः एवागच्छन अरे अरे! सर्व सम्भाषणं शृण्वन्नेवाहम् अत्रागच्छम् अहं विशालकाय बलशाली, पराक्रमी च सिंहः वा स्यात् अथवा अन्यः कोऽपि वन्यपशून द स्वडेन पोचवित्वा मारयिष्यामि किमन्यः कोऽप्यस्ति एतादृशः पराक्रमी अतः अहमेव योग्य: वनराजपदाय।

प्रश्न- (क) काकः कीदृशः पिकः कीदृश:?

(ख) कदा काकः काकः पिकः पिकः ?

(ग) शृण्वन’ इत्यस्य पदस्य प्रकृतिं प्रत्ययं च पृथक कुरुत ।

अथवा

वनस्य दृश्यं समीपे एवैका नदी वहति। एकः सिंहः सुखेन विश्राम्यते तदैव एकः वानरः आगत्य तस्य पुनाति । कुद्धः सिंहः तं प्रहतुमिच्छति पर वानरस्तु कूर्दित्वा वृक्षमारूढः । तदैव अन्याया वृक्षात अपरः वानरः सिंहस्य कर्णमाकृष्य पुनः वृक्षोपरि आरोहति। एवमेव वानराः वारं वारं सिंह तुदन्ति । कुद्धः सिंहः इतस्ततः धावति, गर्जति पर किमपि कर्तुमसमर्थः एव तिष्ठति । वानराः सन्ति वृक्षोपरि च विविधाः पक्षिणः अपि सिंहस्य एतादृशीं दशां दृष्ट्वा हर्षमिश्रितं कलरवं कुर्वन्ति।

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प्रश्न- (क) कः सुखेन विश्राम्यते ? 

(ख) कः आगत्य सिंहस्य पुच्छं धुनाति ?

(ग) ‘वृक्षोपरि’ इत्यस्य पदस्य समासविग्रहं कुरुत।

प्रश्न १९. प्रदत्तः शब्दैः त्रयाणां रिक्तस्थानानां पूर्तिः करणीया- (अत्र, अहिभुक्, एव, स्थितप्रज्ञः, मेध्यामेध्यभक्षक:, यथासमया)

(क) पर्यावरणास्य संरक्षणम् ——प्रकृतेः आराधना ।

(ख) काक: ——- भवति ।

(ग) मयूरः —— इति नाम्नाऽपि ज्ञायते ।

 (घ) सर्वेषामेव महत्त्वं विद्यते ———-।

(ङ)——— जीवन दुर्वहम् अस्ति ।

(च) वक: अविचल : ——— इव तिष्ठति ।

उत्तर- (क) एवं (ख) मेध्यामेध्यभक्षक:, (ग) अहिभुक, (घ) यथासमयमू, (ङ) अत्र, (च) स्थितप्रज्ञः।

 प्रश्न २०. प्रश्नपत्रे समागतान् श्लोकान् विहाय स्वपाठ्यपुस्तकात् कण्ठस्थीकृतं सुभाषितद्वयं लिखत । ४

प्रश्न २१. स्वप्राचार्यस्य कृते पञ्चदिवसानाम् अवकाशार्थम् एकं प्रार्थनापत्रं संस्कृतभाषायां लिखत । ४

अथवा

मित्राय स्वाध्ययनस्य वर्णयन् एकं पत्रं संस्कृतभाषायां लिखत ।

प्रश्न २२. अधोलिखितम् अपठितं गद्यांश सम्यक् पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत्-

शरीरं धर्मस्य प्रथमं साधनम् अस्ति ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’। शरीरस्य आरोग्यं व्यायामेन सिध्यति यः व्यायामं करोति तस्य प्राणशक्तेः आपदः स्वयमेव दूरं गच्छन्ति। व्यायामेन शरीरे शुद्धरक्तसञ्चारः भवति। इन्द्रियाणि सुस्थानि स्वस्थानि च भवन्ति। जठराग्नि दीप्तः भवति परिवृद्धम् उदरं सङ्कोचं गच्छति। मस्तिष्क उर्वरं भवति । अस्मिन् लोके जनैः क्योऽनुसारं कोऽपि व्यायामः अवश्यः करणीयः ।

प्रश्न- (i) धर्मस्य प्रथमं साधनं किम् अस्ति ?

(ii) कीदृशम् उदरं व्यायामेन सङ्कोचं गच्छति ?

(iii) अस्य गद्यांशस्य समुचितं शीर्षक लिखत ।

 (iv) ‘कोऽपि’ पदस्य सन्धिविच्छेदः कुरुत।

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अथवा

संस्कृतभाषा अस्माकं देशस्य प्राचीनतमा भाषा अस्ति। प्राचीनकाले सर्वे एव भारतीयाः संस्कृतभाषया एव व्यवहारं कुर्वन्ति स्म कालान्तरे विविधाः प्रान्तीयाः भाषा प्रचलिताः अभवन् किन्तु संस्कृतस्य महत्वम् अद्यापि अक्षुण्णं वर्तते । सर्वे प्राचीनग्रन्थाः चत्वारो वेदाश्च संस्कृतभाषायामेव सन्ति। संस्कृतभाषा भारतराष्ट्रस्य

एकतायाः आधारः अस्ति ।

प्रश्न- (i) उपर्युक्त गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत ।

(ii) अस्माकं देशस्य प्राचीनतमा भाषा का ?

(iii) सर्वे वेदग्रन्थाः कस्याम् भाषायां सन्ति ?

(iv) भारतराष्ट्रस्य एकतायाः आधारः कः ?

प्रश्न २३. अधोलिखितेषु एकं विषयं स्वीकृत्य शतशब्देषु संस्कृतभाषायां निबन्धं लिखत-

(i) संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्,

(ii) अस्माकं देश,

(iii) सदाचार:,

(iv) महाकवि: (कालिदासः) ।

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